ऐ जाते बरस तुझ को सौंपा ख़ुदा कोमुबारक मुबारक नया साल सब को– मोहम्मद असदुल्लाह मुबारक मुबारक नया साल आयाख़ुशी का समाँ सारी दुनिया पे छाया– अख़्तर शीरानी साल-ए-नौ आता है तो महफ़ूज़ कर लेता हूँ मैंकुछ पुराने से कैलन्डर ज़ेहन की दीवार पर– आज़ाद गुलाटी पलट सी गई है ज़माने की कायानया साल आया नया साल आया-अख़्तर शीरानी दुल्हन बनी हुई हैं राहेंजश्न मनाओ साल-ए-नौ के– साहिर लुधियानवी नया साल दीवार पर टाँग देपुराने बरस का कैलेंडर गिरा– मोहम्मद अल्वी(साभार-रेख़्ता)