ततारपुर चौराहे पर मिलने वाले दही बड़े दूर से ही लोगों को अपनी और आकर्षित करते है. यहां के दही बड़े की खुशबू की ओर लोग खींचे चले आते हैं और इनका आनंद उठाते हैं. (रिपोर्ट- पीयूष पाठक)
अलवर ज़िले मे खाने पीने के शौकीन लोगों के लिए चटपटा खाने के लिए बहुत कुछ है. अलवर के लोग खान पान के शौकीन है. इसका अंदाजा तो इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग सुबह से ही कचोरी की दुकान पर दिखाई देते हैं. अलवर शहर के लोगों कि सुबह की शुरुआत ही कचोरी से होती है. ऐसे ही अलवर से बहरोड जाने वाले मार्ग पर अलवर शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर ततारपुर चौराहे पर मिलने वाले दही बड़ों का स्वाद अपनी ओर खींचता है.
यहां रोड पर दही बड़े लगाने वाले लोग सुबह से ही आकर खड़े हो जाते हैं.करीब शाम को 7 बजे तक यहां पर दिखाई देते हैं. यहां से गुजरने वाले लोग यहां पर रुक कर इनके दही वड़े का आनंद लेते हैं. इसीलिए ततारपुर चौराहा पकोड़े व दही बड़े की वजह से ही फेमस है.
ततारपुर चौराहे पर मिलने वाले दही बड़े दूर से ही लोगों को अपनी और आकर्षित करते है. यहां के दही बड़े की खुशबू की ओर लोग खींचे चले आते हैं और इनका आनंद उठाते हैं. ततारपुर चौराहे पर करीब 10 से 15 लोग सड़क के किनारे दही बड़े लोगों को खिलाते हैं. यह सड़क के किनारे खड़े होते हैं और एक छोटे से स्टैंड पर अपना सारा सामान रखते हैं. यहीं से लोगों को दोने मे दही बड़े खिलाते हैं.
ततारपुर चौराहे पर दही बड़े बेचने वाले सुधीर ने कहा, 'मैं यहां पर करीब 12 सालों से दही बड़े बेच रहा हूं. ततारपुर चौराहे पर करीब 15 दुकानें दही वड़े का काम करते है. कई लोग यहां पर बाहर से आकर भी दुकान लगाते हैं. हमारे पास स्थायी दुकान नहीं है, लेकिन हम सड़क के किनारे खड़े होकर लोगों को दही बड़े खिलाते हैं.
दही बड़े की कीमत की बात की जाए तो 20 रुपये के एक दोने में दही बड़े देते है. जिसमें बड़े के 10 पीस मिलते है'.
सुधीर ने बताया कि दाल के वड़े को दही में मिलाकर उसके ऊपर मीठी चटनी, तीखी चटनी व लहसुन की चटनी डालकर लोगों को दिया जाता है. दिन के करीब 120 से ज्यादा दोने बिक जाते है. जिस से हमारा खर्चा काटकर बचत भी हो जाती है.