दोनों सोशल मीडिया क्रेज़ी थे. हाथ में मोबाइल फोन और ये एप, वो एप... ये चैटिंग, वो शेयरिंग. इसी तरह दोनों की पहचान हुई. सोशल मीडिया की बदौलत ही पहचान एक गहरे रिश्ते में तब्दील होती चली गई. लेकिन, सच तो कुछ और ही था इसलिए जब दोनों ने हकीकत में मुलाकात की तो रिश्ते ने कुछ ही देर में दम तोड़ दिया. सिर्फ रिश्ते की ही नहीं बल्कि एक जान और गई.
इंस्टाग्राम से शुरूआत हुई : पुणे में रहने वाली 20 साल की सोनल अपनी तस्वीरें और मैसेज इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया करती थी. इधर, सांगली का रहने वाला 23 वर्षीय ऋषि भी इंस्टाग्राम पर सक्रिय था. साल 2017 के आखिर में दोनों एक-दूसरे के साथ कनेक्ट हुए और दोनों के बीच कुछ कमेंट्स के ज़रिये बातचीत हुई. दोनों को ऐसा लगा कि इंटरेस्ट ज़ाहिर हो रहा था इसलिए दोनों ने बातचीत को और आगे बढ़ाने का फैसला लिया.
यूट्यूब शेयरिंग का दौर : सोनल और ऋषि की पहचान दोस्ती तक बढ़ रही थी और इसका एक ज़रिया था यूट्यूब. दोनों रोमैंटिक गाने, जोक्स, फिल्मों के लिंक जैसे अपनी पसंद के वीडियोज़ शेयर करते थे. दोनों के बीच दोस्ती अच्छी हो गई और फिर दोनों ने पर्सनल बातचीत शुरू की. दोनों को ऐसा लगने लगा कि यह रिश्ता और आगे जा सकता था और किसी मंज़िल तक पहुंच सकता था.
फेसबुक यानी 'चेहरे की किताब' : दोनों चैटिंग शुरू कर चुके थे. फेसबुक और मैसेंजर के ज़रिये काफी तरह की बातें होतीं. सोनल और ऋषि बातों बातों में एक दूसरे के लिए मोहब्बत का इज़हार कर बैठे. अब दोनों के बीच बेकरारी थी और अब दोनों मिलना चाहते थे. मिलकर एक दूसरे के साथ वक्त बिताना चाहते थे और बात आगे बढ़ाना चाहते थे. तय हुआ कि ऋषि सांगली से पुणे जाकर सोनल से मिलेगा. दोनों मुलाकात का इंतज़ार करने लगे. दोनों को यह खयाल तक नहीं आया कि फेसबुक दिल की नहीं चेहरे की किताब है.
एक बार फिर इंस्टाग्राम का सहारा : दिसंबर 2018 में दोनों की मुलाकात हुई और दोनों के बीच बातचीत के बाद अंतरंग रिश्ता कायम हुआ. सोनल ने हलचल दिखाते हुए इस रिश्ते को जल्द कोई नाम और बंधन देने की बात की तो ऋषि यह एक्सेप्ट नहीं कर पाया. 'यार, अभी करियर बनाना है. बहुत काम हैं..' ऋषि की इन बातों के बावजूद सोनल ज़िद पर अड़ी थी. काफी देर बातचीत के बाद जब कोई हल नहीं निकला तो ऋषि गुस्सा होकर लौट गया. सोनल रोती रही, कभी ऋषि को कोसती तो कभी मिन्नतें करती. अपनी उदास तस्वीरें और सॉरी व उदासी को ज़ाहिर करते मैसेज इंस्टाग्राम पर पोस्ट करती.
वॉट्सएप के थ्रू ट्रैजडी : ऋषि को लगा था कि ये एक रनिंग अफेयर होगा लेकिन वह सोनल की जल्दबाज़ी और उतावलेपन को एक्सेप्ट करने की सिचुएशन में नहीं था. उधर, जो संबंध दोनों के बीच बने थे, सोनल उन्हीं की खातिर उस पर सीरियस रिश्ता बनाने का दबाव बना रही थी. कुछ चैटिंग और कॉल्स के बाद बात बेहद बिगड़ गई. ऋषि ने वॉट्सएप पर उसे ब्रेक-अप मैसेज किया - 'तुम खुशी से जियो. मुझसे कोई राब्ता नहीं रखना. मेरे अपने काम हैं. मेरे पास तुम्हें देने के लिए बहुत वक्त नहीं है. अब हमारे बीच कुछ बाकी नहीं बचा, सब खत्म!'
मौत वर्चुअल नहीं रियल : ब्रेक-अप के इस मैसेज के बाद सोनल के लिए उदासी और मायूसी बर्दाश्त के बाहर होती जा रही थी क्योंकि ऋषि ने अब फोन उठाना भी बंद कर दिया था और मैसेज देखना, जवाब देना भी. उससे कॉंटैक्ट का कोई ज़रिया नहीं बचा था. कुछ दिन अपने आप में घुलते जाने के बाद सोनल ने आखिरी कदम उठाया. 17 दिसंबर को उसकी लाश घर में पंखे से झूलती मिली. उसके पिता ने उसका फोन चेक किया तो ब्रेक-अप जैसी कुछ बातें सामने आईं. (सच्ची घटनाओं पर आधारित इस कहानी में किरदारों के नाम वास्तविक नहीं हैं.)
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