Chaitra Navratri 2023 : चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च 2023 से हो गई है. इस दौरान भक्त मां का आशीर्वाद पाने के लिए उनके नौ स्वरूपों की आराधना करते हैं. आज हमें मध्य प्रदेश के 7 ऐसे ही प्रसिद्ध देवी मंदिरों के बारे में बता रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा. इन मंदिरों में विराजी देवी मां की महिमा दूर-दूर तक फैली है.
मां चामुंडा और मां तुलजा : मध्य प्रदेश के देवास में मां चामुंडा और मां तुलजा का मंदिर स्थित है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी के 52 शक्तिपीठ में से मां चामुंडा और मां तुलजा दरबार को एक शक्तिपीठ के रूप में मान्यता प्राप्त है. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, देवास टेकरी में माता का रक्त गिरा था. इस जगह को टेकरी वाली माता के नाम से भी जाना जाता है.
मां कवलका का मंदिर : लगभग 300 साल पुराना मां कवलका का मंदिर रतलाम में स्थित है. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार देवी की मूर्ति बड़ी ही चमत्कारी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां कवलका, मां काली और काल भैरव की मूर्तियां मदिरापान करती हैं. जिसके कारण जो भी भक्त यहां आता है देवी मां को प्रसन्न करने के लिए मदिरा का भोग लगाता है.
मां पीताम्बरा शक्ति पीठ : मध्यप्रदेश के दतिया शहर में स्थित है मां पीताम्बरा शक्ति पीठ. इस स्थान को तपस्थली भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां पीताम्बरा पीठ बगलामुखी के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक गिना जाता है. इस मंदिर में मां बगलामुखी और धूमावती देवी की मूर्ति विराजमान है.
मांढरे की माता : मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों में एक मंदिर ग्वालियर में मांढरे की माता का भी स्थित है. ये मंदिर कंपू क्षेत्र की कैंसर पहाड़ी पर स्थित है. देवी का यह भव्य मंदिर स्थापत्य की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. इस मंदिर में अष्टभुजा वाली महिषासुर मर्दिनी मां महाकाली की मूर्ति अद्भुत और दिव्य है.
बिजासेन देवी मंदिर : मध्य प्रदेश के इंदौर जिलें में पुरातन तंत्र विद्या पत्रिका 'चंडी' में बिजासन माता मंदिर स्थित है. इन नौ दैवीय प्रतिमाओं को तंत्र-मंत्र का चमत्कारिक स्थान और सिद्ध पीठ माना जाता है.
त्रिकुट पर्वत : मध्य प्रदेश के सतना में त्रिकुट पर्वत की चोटी के बीच बसा है, जहां माता शारदा के दर्शन के बड़ी संख्या में भक्त हजारों सीढ़ियां चढ़ कर आते हैं. यह मंदिर मैहर के नाम से प्रसिद्ध है. इसमें देवी शारदा के अलावा काली, शेष नाग, दुर्गा, गौरी शंकर, काल भैरवी, हनुमान भगवान भी विराजमान हैं. Image: Canva
रतनगढ़ वाली माता : मध्य प्रदेश के देवास के घने जंगलों में स्थित है रतनगढ़ वाली माता का मंदिर.ये मंदिर सिंध नदी के तट पर बना है. यहां हर साल दीपावली की दूज पर अनगिनत भक्त दर्शन करने आते हैं. मान्यता है कि अगर किसी को सर्प काट ले और मां रतनगढ़ का नाम का कोई धागा बांध दे तो वह ठीक हो जाता है, लेकिन भाईदूज के मेले में सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को यहां बंध खुलवाने यहां आना पड़ता है.
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