वसंत ऋतु आते ही वातावरण में प्यार की खुशबू बिखरने लगती है. उस पर प्यार-मोहब्बत का त्योहार वैलेंटाइन डे (Valentine Day) हो तो पूरे माहौल में रूमानियत-सी घुल जाती है. प्यार के मौसम को लेकर हमारे कवि, गीतकार और गजलकारों ने बहुत ही उम्दा रचनाएं रची हैं. प्रस्तुत हैं कुछ दिल को रोमांचित कर देने वाले कुछ शेर-
यह सही है कि मोहब्बत छुपाई नहीं जा सकती. इस पर हमीद जालंधरी ने क्या खूब कहा है- सीने में राज-ए-इश्क छुपाया न जाएगा, ये आग वो है जिसे दबाया न जाएगा.
मशहूर शायर हसरत मोहानी लिखते हैं- छुप नहीं सकती छुपाने से मोहब्बत की नजर, पड़ ही जाती है रुख-ए-यार पे हसरत की नजर.
जिगर मुरादाबादी इश्क को आग की नदी कहा है- ये इश्क नहीं आसां इतना ही समझ लीजे, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है.
शायर जलील मानिकपुरी लिखते हैं- मोहब्बत रंग दे जाती है जब दिल दिल से मिलता है, मगर मुश्किल तो ये है दिल बड़ी मुश्किल से मिलता है.
अनवर शऊर ने मोहब्बत के असर को कुछ इस तरह बयां किया है- मोहब्बत रही चार दिन जिंदगी में, रहा चार दिन का असर जिंदगी भर.
मशहूर शायर निदा फाजली साब कहते हैं कि इश्क करने वालों को दुनिया की सुध-बुध नहीं रहती- होश वालों को खबर क्या बे-खुदी क्या चीज है, इश्क कीजे फिर समझिए जिंदगी क्या चीज है.
फरहत एहसास इश्क को लाइलाज रोग बताते हुए लिखते हैं- इलाज अपना कराते फिर रहे हो जाने किस-किस से,मोहब्बत कर के देखो ना मोहब्बत क्यों नहीं करते.
इश्क-मोहब्बत में अपना सब कुछ गंवाने वालों अहमद फराज तो फिर से इश्क करने की सलाह देते हैं- लुट चुके इश्क में इक बार तो फिर इश्क करो, किस को मालूम कि तकदीर संवर भी जाए.
ख्वाजा मीर दर्द तो मोहब्बत करने वालों पागल यानी दीवाना कहते हैं- कभू रोना कभू हंसना कभू हैरान हो जाना,मोहब्बत क्या भले-चंगे को दीवाना बनाती है.