भोपाल में कोरोना वैक्सीन के ट्रायल का सिलसिला चल रहा है. लेकिन वॉलेंटियर नहीं मिलने के कारण ये ट्रायल सिर्फ एक ही निजी मेडिकल कॉलेज में हो पा रहा है वहां भी संख्या काफी कम है. शहर के दूसरे और प्रमुख सरकारी मेडिकल कॉलेज गांधी मेडिकल कॉलेज में सारी व्यवस्था होने के बाद भी वहां ट्रायल नहीं शुरू हो पा रहा क्योंकि वॉलेंटियर ही नहीं मिल रहे हैं. मंत्री विश्वास सारंग ने इस स्थिति पर अफसोस जताया तो प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने ऊपर को-वैक्सीन ट्रायल की पेशकश कर दी थी.
मुझे पीड़ा है-नरोत्तम
नरोत्तम मिश्रा ने कहा- मैं ट्रायल में शामिल नहीं हो पाया इसकी मुझे पीड़ा है. मैं चाहता था कि मुझे वैक्सीन लगे और लोगों में जागरूकता आए. उन्होंने कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की प्रक्रिया सरल करने की मांग उठाई.नरोत्तम मिश्रा ने कहा- वैक्सीन ट्रायल की प्रक्रिया सरल होना चाहिए. वैक्सीन लगने के एक हफ्ते बाद और एक साल तक मॉनिटरिंग की प्रक्रिया को सरल करना चाहिए.
ये है वजह
मेडिकल कॉलेज के डीन कर्नल अनिल दीक्षित ने बताया कि आईसीएमआर की गाइड लाइन के अनुसार वैक्सीनेशन के वॉलिंटियर के लिए आवश्यक है कि उसके किसी निकट परिजन को कोविड-19 नहीं होना चाहिए. लेकिन नरोत्तम मिश्रा की धर्मपत्नी और पुत्र कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं. इसलिए वैक्सीनेशन की वैक्सिनेशन वॉलेंटियर एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के अनुसार गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा का वैक्सिनेशन किया जाना संभव नहीं है.