PHOTOS: दूल्हा देव भगवान से जुड़ी अनकही-अनसुनी कहानियां, दावा- यहां विज्ञान की नहीं चलती
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हमारा देश विभिन्न संस्कृतियों और मान्यताओं का देश है. हजारों देवी-देवताओं को यहां पर पूजा जाता है. इनसे जुड़ी अलौकिक शक्तियों और चमत्कारों की कई कहानियां आपने सुनी होंगी. ऐसी ही कई कहानियां हैं मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में स्थित ‘दादा दरबार’ की. स्थानीय लोगों का दावा है कि यह वह स्थान है जहां रास्ते को भी ‘रास्ता’ बदलना पड़ता है. यह वो स्थान हैं जहां कई चमत्कार होते हैं. नरसिंहपुर के दादा दरबार में ‘दूल्हा देव’ भगवान नेशनल हाईवे के बीचों-बीच विराजे हैं. जो भी यहां से गुजरता है उनके चरणों में शीश झुकाता है.

कहा जाता है कि दूल्हा देव महाराज ने खुद इस जगह को अपने स्थान के रूप में चुना है. इसलिए उन्हें यहां से कभी भी कोई नहीं हटा सकता. देश के लाखों भक्तों की आस्था यहां से जुड़ी हुई है. पहले नेशनल हाईवे 44 स्टेट हाईवे 22 हुआ करता था, लेकिन जब देश में 4 लाइन प्रोजेक्ट शुरू हुआ तो यहां स्थित दादा महाराज के मंदिर को हटाने की बात भी हुई. लेकिन, चमत्कारिक रूप से बड़े-बड़े इंजीनियर इस मंदिर को हटाना तो दूर की बात यहां की एक ईंट भी नहीं निकाल सके.

मंदिर को हटाने के लिए जेसीबी जैसी मशीनों को बुलवाया गया, लेकिन मंदिर के आस पास आते ही यह मशीन अपने आप काम बंद हो जाती थी. यहां के स्थानीय निवासी बताते हैं कि एक इंजीनियर ने मंदिर को हटाने के लिए खुदाई शुरू की मंदिर तो नहीं हट सका, लेकिन कुछ दूर जाते ही इंजीनियर का एक्सीडेंट हो गया. इसके बाद कलेक्टर स्तर के अधिकारियों ने खुद दादा महाराज से प्रार्थना की. उसके बाद मंदिर को बिना हटाए उसी जगह पर फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण कराया गया और मंदिर के स्थान को छोड़कर हाईवे को निकाला गया.
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मंदिर आज भी अपनी जगह पर स्थित है और मंदिर के कारण मोड़ा गया हाईवे साफ-साफ देखा जा सकता है. स्थानीय लोग कहते हैं कि ऐसे चमत्कारों की कोई गिनती नहीं. दरबार में जो भी आता है उसकी मनोकामना पूरी होती है. नेशनल हाईवे की सुरक्षा का जिम्मा भी दादा महाराज का ही है. यहां से निकलने वाले यात्री दादा महाराज के दर्शन करने जरूर रुकते हैं.

एक भक्त ने न्यूज 18 को बताया कि 25 साल से वे लगातार दादा महाराज के दरबार आ रहे हैं. शुरू में उनके पास कुछ नहीं था. कई किलोमीटर पैदल चलकर दरबार में आते और अपनी अर्जी लगा कर चले जाते. आज दादा महाराज के आशीर्वाद से घर, गाड़ी, सुखी परिवार सब कुछ है. एक महिला ने बताया कि दादा महाराज की कृपा से उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई. एक अन्य महिला ने उनकी बेटी भी दादा महाराज की ही देन है. कई सालों से श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं.

दादा महाराज को विशेष रूप से गुलाब का फूल, पगड़ी, नारियल और पंचमेवा की भेंट चढ़ाई जाती है. यहां के लोग बताते हैं कि सिर्फ एक नारियल चढ़ाने से दादा महाराज प्रसन्न हो जाते हैं. कहा जाता है कि यहां पर शनिवार के दिन का विशेष महत्व है. दादा महाराज का मंदिर नरसिंहपुर से लखनादौन- जबलपुर जाने वाले नेशनल हाईवे पर स्थित है. भक्त ट्रेन से नरसिंहपुर स्टेशन पर उतरकर टैक्सी, ऑटो, रिक्शा के जरिये दादा महाराज के मंदिर तक पहुंच सकते हैं. जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट पर उतरकर भी सड़क के रास्ते इस पवित्र स्थान की यात्रा की जा सकती है.
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