पूजा और आराधना बहुत लोग करते हैं. कठिन जप-तप और व्रत किया जाता है. लेकिन धार में एक ऐसे भक्त हैं जो भक्ति में पानी में योगासन करते हैं.
नालछा के अशोक दायमा पेशे से शिक्षक हैं. वो बरसों से इसी तरह तपस्या कर रहे हैं. खासतौर से नवरात्रि में उन्हें यहां देखा जा सकता है.
नालछा के पास जीरापुरा है. वहां चौसठ योगिनी का मंदिर है.मंदिर के सामने ही एक तालाब बना हुआ है. अशोक दायमा घंटों इस तालाब में योगासन करते हैं. ये पानी मे तैरते हुए शंख और मंजीरे बजाकर मां की आराधना की शुरुआत करते हैं और उसके बाद करीब दो घंटे तक ही पानी में रहकर इनकी स्तुति चलती रहती है.
शिक्षक अशोक दायमा 20 साल से इसी तरह कई देवताओं और देवियों की आराधना कर रहे हैं. वो पानी में रहकर सुंदरकांड , शिवमहिमा , माता की स्तुति भी करते हैं.पानी मे रहकर उपासना करने की यह खास कला उन्हे बचपन मे उनके पिता ने सिखाई थी. अब वो अपने छात्रों को ये सिखा रहे हैं.