ग्वालियर. देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की जगह शहरवासियों के दिल में कितनी खास है, इसका अंदाजा इसी बात से लग सकता है कि ग्वालियर में वाजपेई का मंदिर तक बना हुआ है. यही नहीं इस मंदिर में उनकी प्रतिमा की बाकायदा पूजा भी की जाती है. क्या आप जानते हैं कि यह मंदिर कहां है? कैसा है? और इसका अतीत किस तरह का है? इस मंदिर की मूर्ति की खास बातें भी आपको यहां बताते हैं.
ग्वालियर के घोसीपुरा स्थित सत्य नारायण की टेकरी पर वाजपेई का मंदिर 1995 में बनवाया गया था. यहां पूजापाठ करने वाले प्रमोद मुदगल ने बताया मंदिर के लिए अष्टधातु की मूर्ति बनवाई गई थी, लेकिन यहां सही सुरक्षा की गारंटी न होने के चलते उसे यहां स्थापित नहीं किया गया. इसकी जगह पत्थर से बनी प्रतिमा यहां लगाई गई, जो आज भी है.
चूंकि वाजपेई को हिंदी से बेहद लगाव था और वह साहित्य के बहुत बड़े प्रेमी होने के साथ ही एक कवि, कुशल वक्ता भी थे इसलिए इस मंदिर में हिंदी माता की प्रतिमा भी लगाई गई. दोनों प्रतिमाएं एक दूसरे के आस पास ही लगी थीं लेकिन बताते हैं कि इस मंदिर में हिंदी माता की प्रतिमा चोरी हो गई थी, तबसे यहां उनका फोटो रखकर ही पूजा की जाती है. क्या आप इस अजूबे मंदिर को देखना चाहेंगे?
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