मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य का घर यानी जय विलास पैलेस शानो-शौकत के लिए पहचाना जाता है. महल की भव्यता की चर्चा सब तरफ होती है. 150 साल पुराने इस महल में ग्वालियर आने वाले सैलानी भी आते हैं, क्योंकि इसका एक हिस्सा म्यूजियम में तब्दील कर दिया गया है.
इस महल के एक हिस्से में म्यूजियम भी है. इसमें सिंधिया राजवंश के इतिहास के बारे में जानकारी दी गई है. साथ ही इसी के अंदर एक फाइव स्टार होटल भी है. इसे ऊषा किरण पैलेस के नाम से जाना जाता है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस महल में माधवराव सिंधिया के बारे में जानकारी देने वाला भी एक बड़ा रूम है. इस महल को मराठा शासक और ज्योतिरादित्य सिंधिया के पूर्वज महाराजा जया जी राव सिंधिया ने करीब 150 साल पहले बनवाया था.
सिंधिया का जय विलास महल कला और स्थापत्य के लिहाज से भी बेहद शानदार है. 400 कमरे वाला ये महल करीब 150 साल पुराना है. इस महल की वर्तमान कीमत करीब 4 हजार करोड़ रुपए के आस-पास है.
ये महल यूरोपीय आर्किटेक्चर का बेहतरीन नमूना है. इसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर माइकल फिलोस ने डिजाइन किया था. उस समय इस महल को बनवाने में करीब 1 करोड़ रुपए का खर्च आया था. इस महल के म्यूजियम में कई ड्राइंग रूम, बेड रूम और किचन को पर्यटकों के लिए सजाकर रखा गया है.
महल के कई कमरे दर्शकों के देखने के लिए म्यूजियम में तब्दील किए गए हैं.गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने बीते साल इस बात को लेकर आपत्ति जताई थी कि सिंधिया जिले के अधिकारियों की बैठक अपने घर में ही करते हैं. उस समय भी सिंधिया का जय विलास पैलेस नेशनल मीडिया में सुर्खियों में आया था.