मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 25 मार्च से महिलाओं की अनोखी फुटबॉल प्रतियोगिता शुरू हुई. "गोल इन साड़ी" टैग लाइन से आयोजित फुटबॉल प्रतियोगिता में महिलाएं साड़ी पहनकर मैदान में उतरी हैं. साड़ी पहनकर मैदान पर महिलाओं ने फुटबॉल में अपना दम दिखाया. उन्होंने जोरदार गोल भी दागे. महिलाओं ने कहा कि "नारी साड़ी में भी भारी है". यहां शहर की 8 टीमों के बीच 2 दिन तक मुकाबले होंगे.
यह टूर्नामेंट ग्वालियर के एमएलबी ग्राउंड पर हो रहा है. यहां रंग बिरंगी साड़ी पहनी महिलाएं फुटबॉल के पीछे भाग रही हैं. साड़ी पहनकर फुटबॉल में किक मारने वाली इन महिलाओं का जज्बा फुटबॉल के जादूगर पेले, मैराडोना, रोनाल्डो, मैसी जैसे खिलाड़ियों से कम नहीं है. आधे घंटे के इस मैच में महिलाओं ने साड़ी में फुटबॉल खेल कर अपना दम दिखाया.
टूर्नामेंट संयोजक अंजली बत्रा ने बताया कि महिलाएं ही इस टूर्नामेंट की जिम्मेदारी भी संभाल रही हैं. 25 मार्च को फुटबॉल प्रतियोगिता में 3 मैच हुए. इनमें पिंक, ब्लू और ऑरेंज टीमों ने शानदार जीत दर्ज की. पिंक पैंथर ने दमदार प्रदर्शन करते हुए पहला मैच जीता.
पिंक पैंथर टीम के खिलाड़ियों का कहना है कि उन्होंने शुरुआत से ही यह तय कर लिया था कि इस मैच में जीत दर्ज करना है. उन्होंने मैदान पर साड़ी में दमदार गोल कर यह साबित कर दिया कि 'नारी साड़ी में भी भारी' है. शनिवार को दूसरे मैच में ब्लू क्वीन टीम ने गजब ढा दिया. इस टीम की खास बात यह थी कि इसमें 25 साल की भाभी से लेकर 72 साल की दादी ने भी हिस्सा लिया.
उम्र दराज दादी दलजीत मान ने शानदार गोल कर अपनी टीम को जिता दिया. दादी दलजीत का कहना है कि अपनी सेहत के लिए वह रोजाना एक्सरसाइज करती हैं. जब भी मौका मिलता है तो वे मैदान में फुटबॉल जरूर खेलती हैं. उनका मानना है कि महिलाएं साड़ी पहनकर सिर्फ चूल्हा-चौका तक ही सीमित नहीं हैं, वे गोल भी मार सकती हैं.
वहीं, दूसरी ओर, ब्लू क्वीन टीम की खिलाड़ी ने पहले योगा किया. इस टीम की कई खिलाड़ी टीचर हैं. उन्होंने पहले अपनी ड्यूटी की और उसके बाद फुटबॉल मैदान पर आकर जबर्दस्त खेल दिखाया. ब्लू क्वीन टीम ने मैच भी जीता. रंग बिरंगी साड़ी में महिलाओं को फुटबॉल मैदान पर दौड़ते, किक लगाते, मशक्कत करते देखने के लिए भारी तादाद में महिलाएं जमा हो गईं.