प्रदेश में इन दिनों सरकारी स्कूलों में बच्चों के प्रवेश को लेकर ‘स्कूल चलें हम’ अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन स्कूलों की हालत हर बार की तरह बदतर ही नज़र आ रही है.
बारिश के दौरान यहां बैठना भी मुश्किल हो जाता है. स्कूल आने का रास्ता तालाब बन जाता है. बरसात के शुरूआत में ही हालात ऐसे है तो मूसलाधार बारिश में क्या स्थिति होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
बारिश का पानी स्कूल में घुस जाने के कारण स्कूल भवन के कमरों में भी सीलन भरी रहती है, जो बच्चों के स्वास्थ्य की दृष्टि से ठीक नहीं है.
यहां सरकारी स्कूल पहले से ही शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं, ऐसी स्थिति में बारिश के मौसम में हालात और भी बदतर हो गए हैं. स्कूल के सामने हुए जल भराव के कारण बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों का भी स्कूल पहुंचना मुश्किल होता जा रहा है.
हर बार बारिश के मौसम की शुरूवात से पहले शिक्षा विभाग और प्रशासन से उम्मीद की जाती है कि वे स्कूल भवनों की मरम्मत करवाएंगे, लेकिन बरसात के शुरु होते ही व्यवस्थाओं की पोल खुल जाती है.