मंडला. मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क में इन दिनों हाथी मॉनसून मस्ती कर रहे हैं. पार्क के हाथी पिकनिक मनाने निकले हैं. इन मनमौजियों की टोली में 9 हाथी शामिल हैं.पिकनिक में वो जमकर खा रहे हैं और घूम रहे हैं. इनकी खातिरदारी खुद पार्क का स्टाफ कर रहा है.
कान्हा नेशनल पार्क की कान्हा, किसली, और मुक्की रेंज के 9 हाथी इन दिनों पार्क के सूपखार रेंज में पिकनिक मना रहे हैं. इनमें नर-मादा और बच्चे हाथी सब शामिल हैं. पिकनिक भी एक या दो दिन की नहीं बल्कि 7 दिन की है. इसे हाथी कैम्प का नाम दिया गया है.
साल भर की भागदौड और पार्क के अन्य कामों में व्यस्त रहने वाले हाथियों को साल के इन्हीं दिनों में फुर्सत मिलती है जब बारिश में सैलानियों का सैर-सपाटा बंद रहता है. कैम्प में हाथियों की साफ सफाई, मालिश, चैकअप और इलाज किया जाता है.
खाने में इनके मनपसंट आयटम परोसे जाते हैं. इन्हें आम, अनानास, केला, मक्का, नारियल, गुड खिलाया जाता है.
इनकी सेवा में महावत, चारा कटर, और प्रबंधन के अधिकारी कर्मचारी सब मौजूद रहते है.कैम्प के दौरान महावतों और चारा कटर कर्मचारियों का भी चैकअप किया जाता है.
कान्हा नेशनल पार्क पिछले 8 - 9 साल से इस तरह के विशेष कैम्प लगा रहा है. आमतौर पर दक्षिण भारत के पार्कों में ऐसे कैम्प होते हैं. कान्हा में भी वहीं से प्रेरणा लेकर हाथी कैम्प की शुरुआत की गयी. विशेषज्ञ कहते हैं हाथी एक सामाजिक प्राणि है.वो केवल समूह में रहना पसंद करता है और इंसान और वन्य प्राणियों के बीच रिश्तों की प्रगाढ़ता दिखाता है.
इस तरह के कैम्प हाथियों की वंश वृद्धि में भी मददगार होते हैं. 7 दिन की मौज-मस्ती के बाद ये हाथी नयी ऊर्जा और जोश के साथ फिर सालभर की ड्यूटी के लिए तैयार हो जाते हैं.