शिवपुरी के कोलारस अनुविभाग से महज 10 किमी दूर पारागढ़ किला जंगल में प्रकृति के बीच अपने आप में एक इतिहास संजोए हुए है. प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण ऐतिहासिक पारागढ़ किला खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. किले में बिखरी पड़ी प्राचीन संपदाओं को जतन पूर्वक सहेजा जाता, तो यह किला मध्य प्रदेश के सबसे खूबसूरत स्थलों में शुमार होता.
पारागढ़ किले के पास से बहती हुई सिंध नदी के बीचोंबीच चट्टान पर बनी विष्णु भगवान की प्रतिमा अद्वितीय है. प्रदेश की यह पहली विष्णु प्रतिमा है, जो कि नदी के बीच शयन मुद्रा में स्थापित है. जलस्तर कम होने पर ही भक्तों को इस प्रतिमा के दर्शन हो पाते हैं. सिंध नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण यह चट्टान जलमग्न हो जाती है.
पारागढ़ किले के अंदर स्थित कोलारस का एक मात्र शनिदेव मंदिर धर्मप्रेमियों की विशेष आस्था का केंद्र है. शनिश्चरी अमावस्या के दिन यहां सालों से मेला लगता आ रहा है. शनिदेव के दर्शन व पूजा करने कोलारस सहित दूर-दूर से शनिदेव को मानने वाले हजारों भक्त कच्चे, पथरीले व संकरे रास्तों का सफर तय कर यहां पहुंच पाते हैं.
पारागढ़ किले में खजाना होने की चर्चाओं ने भी इसे खंडहर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वर्षों से खजाना पाने के लालच में लोग इस किले की मजबूत दीवारों को नुकसान पहुंचाते रहे हैं. एकांत स्थान में होने के कारण भयमुक्त होकर खजाने के लालची लोगों ने इस किले को जमींदोज करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
साउथ की 10 सुपरहिट फिल्में, जिनके सीक्वल का है इंतजार, गिद्ध की तरह नजरें गड़ाए हैं बॉलीवुड फैंस
अगर आप भी करते हैं डिजिटल पेमेंट तो सावधान! QR कोड स्कैन करते ही अकाउंट हो जाता है खाली, बचने के तरीके यहां जानें
Sarkari Exam: आसानी से पाना चाहते हैं सरकारी नौकरी, तो इन परीक्षाओं की कर सकते हैं तैयारी
शोएब मलिक ने खूबसूरत एक्ट्रेस को दी जन्मदिन की बधाई, अफेयर की गॉसिप, सानिया मिर्जा से तलाक की खबरें फिर शुरू