धर्मपाल जी का जन्म 1927 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था. मसालों का कारोबार छोटे तौर पर सियालकोट में उनके पिता ने 1919 में शुरू किया था. बंटवारे के बाद उनका परिवार शरणार्थी के रूप में भारत आया तो आजीविका के लिए उन्होंने बहुत दिनों तक तांगा चलाया, लेकिन जब उन्हें महसूस होने लगा कि ये काम ज्यादा नहीं चलने वाला तब उन्होंने करोलबाग में एक छोटे से लकड़ी के खोखे में मसाले की दुकान शुरू की, जो चल निकली. (File Pic)
धर्मपाल जी के परिवार में एक बेटा और छह बेटियां हैं. उनका बेटा पूरे कारोबार के ऑपरेशंस को देखता है तो छह बेटियां क्षेत्रीय आधार पर डिस्ट्रीब्यूशन देखने का काम करती हैं. धर्मपाल जी ने केवल पांचवीं तक की पढाई की थी. वो शुरू में अपने पिता के मसाले के बिजनेस से अलग व्यापार में हाथ आजमाना और सफल होना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने सियालकोट में रहते हुए कई तरह के बिजनेस में हाथ आजमाया लेकिन वो किसी में सफल नहीं हो पाए. (File Pic)
धर्मपाल जी ने एमडीएच की शुरुआत जरूर छोटे स्तर पर भारत में की, लेकिन मौजूदा समय में इसकी देश के मसाला बाजार में 12 फीसदी हिस्सेदारी है. उनकी कंपनी 62 उत्पाद तैयार करती है, जो 150 पैकेट्स में उपलब्ध है. वह एमडीएच के ब्रैंड एंबेसडर खुद ही थे. (File Pic)
MDH का बाजार 2000 करोड़ रुपये से कहीं ज्यादा का है. उनके ग्रुप के पास 15 फैक्ट्रियां, 1000 डीलर्स हैं. दुनिया के सभी बड़े देशों और शहरों में उनकी कंपनी के ऑफिस और कारोबार फैला हुआ है. (File Pic)
MDH मसालों के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी को 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था. उन्होंने दिल्ली में 20 स्कूल और कई अस्पताल भी खोले हैं. उनकी कंपनी कांट्रैक्ट फार्मिंग भी करती है. उसके मसालों के मुख्य स्रोत कर्नाटक और राजस्थान के अलावा ईरान और अफगानिस्तान हैं. (File Pic)
Photos: दिल्ली में किसानों का जमकर हंगामा, पुलिस से कई जगह झड़प
Republic Day: आसमान में दिखी भारत की ताकत, राफेल समेत गरजे कई विमान
Republic Day 2021: लद्दाख में माइनस 25 डिग्री तापमान में ITBP जवानों ने मनाया गणतंत्र दिवस
वरुण धवन और नताशा की इन तस्वीरों को कहीं आपने तो नहीं कर दिया मिस, देखें Unseen Pics