इस दौरान भारतीय वायुसेना का एक मिग विमान भी हादसे का शिकार हो गया. भारतीय वायुसेना ने जानकारी दी की हमारा एक पायलट पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चला गया. दुर्घटनाग्रस्त मिग 21 के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान के कब्जे में हैं. ऐसे में सबकी नजर जेनेवा संधि के प्रावधानों पर है, जिसकी बदौलत भारतीय विंग कमांडर को सुरक्षित वापस देश लाए जाने की बात कही जा रही है.
जेनेवा कंवेंशन के मुताबिक लड़ाई के दौरान अगर कोई जवान या अधिकारी दुश्मन देश की सीमा में चला जाता है, तो गिरफ्तारी होने पर उसे युद्धबंदी माना जाएगा. युद्धबंदियों (POW) के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा शहर में एक समझौता किया गया है. जेनेवा समझौते में कुल 4 संधियां और 3 अतिरिक्त प्रोटोकॉल (मसौदे) शामिल हैं, जिसका उद्देश्य युद्ध के दौरान मानवीय मूल्यों को बनाए रखने के लिए कानून तैयार करना है.
पहली संधि 1864 में हुई थी. इसके बाद दूसरी संधि 1906 और तीसरी संधि 1929 में हुई. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1949 में 194 देशों ने मिलकर चौथी संधि की थी. इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रास के मुताबिक जेनेवा समझौते में युद्ध के दौरान गिरफ्तार सैनिकों और घायल लोगों के साथ कैसा बर्ताव करना है इसको लेकर दिशा निर्देश दिए गए हैं.
संधि के मुताबिक शत्रु देश युद्धबंदियों को डरा-धमका और अपमानित नहीं कर सकता है. इसके अलावा वह ऐसा कोई काम नहीं करेगा जिससे जनमानस में युद्धबंदी के बारे में जानने की उत्सुकता हो. सामान्य तौर पर दुनिया के ज्यादातर देश जेनेवा संधि का सम्मान करते रहे हैं. लेकिन कुछ देशों ने इस संधि का उल्लंघन भी किया है. जेनेवा संधि पर दूसरे विश्वयुद्ध के बाद 1949 में सहमति बनी.
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