प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती पर उन्हें यहां केवडिया में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर शनिवार को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘राष्ट्रीय एकता और अखंडता के अग्रदूत लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि.’
केवडिया (गुजरात). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती पर उन्हें यहां केवडिया में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर शनिवार को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘राष्ट्रीय एकता और अखंडता के अग्रदूत लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि.’
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने देशवासियों को एकता की शपथ दिलाई और एकता दिवस परेड का निरीक्षण भी किया. ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी की गई. इस परेड में केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल, सीमा सुरक्षा बल, भारतीय-तिब्बत सीमा पुलिस, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के जवान शामिल हुए.
सीआरपीएफ की महिला अधिकारियों द्वारा इस मौके पर राइफल ड्रिल का प्रदर्शन भी किया गया. केवडिया की आदिवासी विरासत को भी एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए लोगों के सामने प्रदर्शित किया गया.
सरदार पटेल भारत के पहले गृहमंत्री थे और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश की रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत के निर्माण का श्रेय उनकी सियासी और कूटनीतिक क्षमता को दिया जाता है. वर्ष 2014 से हर साल 31 अक्टूबर को ‘नेशनल यूनिटी डे’ या ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.
गुजरात में नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के सामने सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची लौह प्रतिमा का निर्माण किया गया है. इस प्रतिमा का नाम ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ रखा गया है. यह प्रधानमंत्री मोदी की ही परिकल्पना थी. सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में हुआ था.
इस दौरान एक संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि कोविड-19 महामारी आएगी , लेकिन देश सामूहिक ताकत और इच्छाशक्ति के साथ इससे लड़ा और ऐसा इतिहास में पहले कभी नहीं देखा गया.
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत की भूमि पर नजर गड़ाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत हमारे वीर जवानों के हाथों में है. आज के माहौल में दुनिया के सभी देशों को, सभी सरकारों को, सभी पंथों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की बहुत ज्यादा जरूरत है.
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग आतंकवाद के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं. आतंकवाद आज मानवता के लिए, विश्व के लिए, शांति के उपासकों के लिए वैश्विक चिंता का विषय है.
PM ने कहा कि देश आज रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है तथा सीमाओं को लेकर भी अब भारत की नजर और नजरिया दोनों बदल गए हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत की भूमि पर नजर गड़ाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत हमारे वीर जवानों के हाथों में है. आज का भारत सीमाओं पर है सैकड़ों किलोमीटर लंबी सड़कें बना रहा है तो दर्जनों पुल लगातार बनाता चला जा रहा है. अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए आज का भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध, पूरी तरह तैयार है.’’
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पिछले दिनों पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी और उसमें कई जवान शहीद हो गए थे. दोनों देशों के बीच अभी भी इसे लेकर गतिरोध कायम है. दोनों देशों के बीच सैन्य व कूटनीतिक स्तर पर गतिरोध समाप्त करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले दिनों पड़ोसी देश की संसद में पुलवामा हमले के सच को स्वीकारा गया. पुलवामा हमले को देश कभी भूल नहीं सकता लेकिन तब कुछ लोग उस दुख में शामिल नहीं थे और अपना राजनीतिक स्वार्थ देख रहे थे। अब उनका असली चेहरा सामने आ गया है.अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए आज का भारत पूरी तरह तैयार है.
पीएम ने कहा सोमनाथ के पुनर्निर्माण से सरदार पटेल ने भारत के सांस्कृतिक गौरव को लौटाने का जो यज्ञ शुरू किया था, उसका विस्तार देश ने अयोध्या में भी देखा है. आज देश राममंदिर पर सुप्रीमकोर्ट के फैसले का साक्षी बना है, और भव्य राममंदिर को बनते भी देख रहा है.पीएम ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में आज के दिन कश्मीर ने भी देश के समावेश के एक साल पूरे किए.
पीएम ने कहा भगवान श्रीराम के आदर्श, उनके संस्कार अगर आज भारत के कोने-कोने में हमें एक दूसरे से जोड़ रहे हैं, तो इसका बहुत बड़ा श्रेय महर्षि वाल्मिकी जी को ही जाता है. राष्ट्र और मातृभूमि को सबसे बढ़कर मानने का महर्षि वाल्मीकि का जो मंत्र था, वही आज राष्ट्र प्रथम का मजबूत आधार है.
पीएम ने कहा ये भी अद्भुत संयोग है कि आज ही वाल्मीकि जयंती भी है. आज हम भारत की जिस सांस्कृतिक एकता का दर्शन करते हैं, जिस भारत को अनुभव करते हैं, उसे और जीवंत और ऊर्जावान बनाने का काम सदियों पहले आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने ही किया था.
पीएम ने कहा आज सरदार सरोवर से साबरमती रिवर फ्रंट तक सी-प्लेन सेवा का भी शुभारंभ होने जा रहा है. सरदार साहब के दर्शन के लिए, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए देशवासियों को अब सी-प्लेन सर्विस का भी विकल्प मिलेगा. सारे प्रयास इस क्षेत्र में पर्यटन को भी बहुत ज्यादा बढ़ाने वाले हैं.
पीएम ने कहा 2014 में हमने उनके जन्मदिवस को भारत की एकता के पर्व के रूप में मनाने की शुरुआत की थी. इन 6 वर्षों में देश ने गांव से लेकर शहरों तक, कश्मीर से कन्याकुमारी तक, पूरब से लेकर पश्चिम तक सभी ने एक भारत - श्रेष्ठ भारत के संकल्प को पूरा करने का प्रयास किया है.
पीएम ने कहा कल से लेकर अब तक केवड़िया में जंगल सफारी, एकता मॉल, चिल्ड्रन न्यूट्रिशन पार्क जैसे अनेक नए स्थलों का लोकार्पण हुआ है। बहुत ही कम समय में सरदार सरोवर डैम के साथ जुड़ा ये भव्य निर्माण एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना का, नए भारत की प्रगति का तीर्थ स्थल बन गया है.
पीएम ने कहा सरदार सरोवर बांध से देश जुड़ा और यह प्रगति का नया तीर्थ बनने वाला है. उन्होंने कहा कि आज यहां सी प्लेन का उद्घाटन होगा जो इसे क्षेत्र में विकास के नये आयाम तय होंगे.सभी देशवासियों को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. देश की सैकड़ों रियासतों को, राजे-रजवाड़ों को एक करके, देश की विविधता को आधार भारत की शक्ति बनाकर सरदार पटेल ने हिंदुस्तान को वर्तमान स्वरूप ...
पीएम ने कहा कि सरदार पटेल की वाणी प्रसाद के रूप में मिली. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने पूरे देश को एकता के एक सूत्र में बांधा. पीएम ने कहा कि बीते 6 सालों में हमने एक भारत-श्रेष्ठ भारत के संकल्प को पूरा करने का प्रयास किया.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत 'भारत माता की जय' और 'सरदार पटेल अमर रहें' के साथ शुरू की.
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