एअर इंडिया के इतिहास की बात करें तो इसकी शुरुआत अप्रैल 1932 में हुई थी. इसकी स्थापना उद्योगपति JRD टाटा ने की थी. उस वक्त नाम टाटा एयरलाइंस हुआ करता था. JRD टाटा ने महज 15 की उम्र में साल 1919 में पहली बार शौकिया तौर पर हवाई जहाज उड़ाया था, लेकिन शौक जुनून बन गया और JRD टाटा ने अपना पायलट का लाइसेंस ले लिया. (Photo-Scroll)
एयरलाइन की पहली कॉमर्शियल उड़ान 15 अक्टूबर 1932 को भरी गई थी. तब सिर्फ सिंगल इंजन वाला 'हैवीलैंड पस मोथ' हवाई जहाज था, जो अहमदाबाद-कराची के रास्ते मुंबई गया था. प्लेन में उस वक्त एक भी यात्री नहीं था बल्कि 25 किलो चिट्ठियां थीं. चिट्ठियों को लंदन से 'इम्पीरियल एयरवेज' से कराची लाया गया था. यह एयरवेज ब्रिटेन का राजसी विमान था. इसके बाद साल 1933 में टाटा एयरलाइंस ने यात्रियों को लेकर पहली उड़ान भरी. टाटा ने दो लाख रुपए की लागत से कंपनी स्थापित की थी. (Photo- Wiki Commons)
दूसरे विश्व युद्ध के बाद इंडिया से सामान्य फ्लाइट्स शुरू की गईं और तब इसका नाम एअर इंडिया रखा गया. इसे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बनाया गया. साल 1947 में आजादी के बाद एक नेशनल एयरलाइंस की जरूरत थी. भारत सरकार ने इसमें 49% हिस्सेदारी ली. इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एअर कॉर्पोरेशन एक्ट पास किया और टाटा समूह से इस कंपनी में ज्यादातर हिस्सेदारी खरीद ली. इस तरह यह पूरी तरह से एक सरकारी कंपनी बनी. (Photo- Wiki Commons)
1954 में जब इसका राष्ट्रीयकरण हुआ, उसके बाद सरकार ने दो कंपनियां बनाईं. इंडियन एअरलाइंस घरेलू सेवा के लिए और एअर इंडिया विदेशी रूट के लिए तय की गई. साल 2000 तक यह कंपनी मुनाफे में रही. पहली बार 2001 में इसे 57 करोड़ रुपए का घाटा हुआ. तब विमानन मंत्रालय ने इसके लिए उस समय के एमडी माइकल मास्केयरनहास को दोषी मानते हुए पद से हटा दिया था. (Photo- Wiki Commons)
साल 2009-10 में इसका घाटा बढ़कर 12 हजार करोड के पार पहुंच गया. घाटे की एक वजह यह भी बताई गई कि 2005 में 111 विमानों की खरीद का फैसला एअर इंडिया के लिए संकट बना. इस डील पर 70 हजार करोड़ खर्च किए गए. दूसरा कारण यह भी रहा कि इस दौरान नई एयरलाइंस कंपनियों ने ग्राहक सेवा से लेकर कम किराए की रणनीति अपनाई. इसमें भी एअर इंडिया पीछे हो गई. अक्सर यह कंपनी लेटलतीफी के लिए जानी जाती है. (File Photo)
एअर इंडिया की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अभी भी फाइव स्टार होटल ताज से ही खाना मंगाती है. प्लेन में खाना देने के लिए यह ताज की कैटरिंग सर्विस ताज सैट्स से इसे ऑर्डर करती है. अब जबकि सभी विमानन कंपनियां केवल पानी फ्री में देती हैं, एअर इंडिया अभी भी खाना और नाश्ता फ्री में देती है. (Photo- Architectural Digest India)
1967 में एअर इंडिया में ऐश ट्रे को गिफ्ट के रूप में यात्रियों को दिया जाता था. एअर इंडिया का शुरुआती लोगो JRD टाटा ने खुद चुना था. ये धनु का निशान था, जो कोणार्क के एक गोले में धनुष चलाता दिख रहा था. शुरुआत से ही इसकी थीम लाल और सफेद रही है. 2007 में इसका लोगो बदल दिया गया. अब ये एक लाल रंग के उड़ते हुए हंस जैसा है, जिसमें कोणार्क चक्र लगा है. एअर इंडिया का शुभंकर महाराजा है. (Photo- Logopedia)
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