अप्रैल से लेकर जून 2020 में दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में दर्जनभर से ज्यादा बार मध्यम और कम तीव्रता वाले भूकंप (earthquake) आ चुके हैं. आइए जानते हैं कि धरती पर भूकंप क्यों आते हैं और ये दुनिया के लिए कितने विनाशक साबित हो सकते हैं?
भूकंप या भूचाल पृथ्वी की सतह के हिलने को कहते हैं. लिथोस्फ़ीयर में ऊर्जा के अचानक मुक्त हो जाने के कारण पैदा हुए भूकम्पीय तरंगों के कारण भूकंप आता है.
नॉन-स्टॉप मूवमेंट से पृथ्वी के क्रस्ट पर तनाव बनता है. जब तनाव बढ़ जाता है, तो यह दरारों में बदल जाता है जिन्हें फॉल्ट कहा जाता है. टेक्टोनिक प्लेट्स मूव करती हैं. ये फॉल्ट लाइन के मूवमेंट का कारण बनती हैं.
भूकंप के कारण में एपिक सेंट और हाइपोसेंटर होते हैं. पृथ्वी की सतह के नीचे का स्थान जहां भूकंप शुरू होता है, उसे हाइपोसेंटर कहते हैं.
एक भूकंप से उत्पन्न ऊर्जा, पृथ्वी में तरंगों के माध्यम से फैलती है, इन्हें भूकंपीय तरंगों के रूप में जाना जाता है. इन तरंगों को वैज्ञानिकों उपकरणों पर मापते हैं जिसे सिस्मोमीटर कहा जाता है.
भूकंप की भयावहता उसकी तीव्रता पर आधारित होती है. जो जान और माल दोनों का जबरदस्त नुकसान कर सकते हैं