बराड़ का जन्म 1988 में फरीदकोट के कोटकपूरा में हुआ था. गोल्डी बराड़ को अंदेशा था कि सिद्धू मूसेवाला उसके चचेरे भाई की हत्या करवाने में शामिल था. जिसकी वजह से उसने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश रची थी. 2021 में एक हत्या के मामले में गोल्डी को आरोपी ठहराए जाने के बाद उसके एसआई पिता शमशेर सिंह को पुलिस विभाग से अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई थी.
गोल्डी लंबे समय से कनाडा में बैठ कर अपने गुर्गों के जरिए पंजाब में रंगदारी का नेटवर्क चला रहा था. उसके गुर्गे रंगदारी का पैसा वसूल कर उसे कनाडा भिजवा रहे थे, जिसके बाद वह उन्हें हथियार मुहैया करवा रहा था. सिद्धू मूसेवाला की हत्या से पहले उसने गुरुग्राम में 25 फरवरी को अपने सहयोगी नरेश सेठी गिरोह के साथ मिलकर दो भाइयों- परमजीत सिंह और सुरजीत सिंह की हत्या की थी. यह हत्या शराब के अवैध कारोबार के झगड़े और दुश्मनी को लेकर की गई थी.
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