Rajasthan Board Result 2023: तुलसी के घर में बिजली कनेक्शन नहीं है ऐसे में वह लालटेन की रोशनी में रात को पढ़ाई करती थी. कड़े संघर्ष के बाद मिली इस सफलता ने साफ कर दिया कि प्रतिभा किसी संसाधनों की मोहताज नहीं होती है. (रिपोर्ट:मनमोहन सेजू)
बाड़मेर. कहते है कि मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है.पंखो से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. अगर आपमें कुछ करने की इच्छाशक्ति हो, तो संसाधनों के अभाव में भी आप अपने लक्ष्य को पा लेते हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है सरहदी बाड़मेर की तुलसी मेघवाल ने. तुलसी ने लालटेन की रोशनी में पढाई कर 12वीं कला वर्ग में 94.80 फीसदी अंक हासिल किए है.
कहते है ना कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है, ये एक बार फिर सच साबित हुआ है. दरअसल सरहदी बाड़मेर जिले के कड़वासरों की ढाणी,खुडासा की तुलसी मेघवाल ने विपरित परिस्थितियों के बावजूद कड़ी मेहनत से वो मुकाम हासिल कर लिया है, जिसे पाना दूरदराज ढ़ाणियों में रहने वाले लोगों के लिए महज एक सपना होता है. मजबूरी और अभावों को पीछे धकेलते हुए तुलसी ने अपनी मेहनत और लगन से 12वीं कला वर्ग में 94.80 फीसदी अंक हासिल किए है.
संसाधनों की बात करें तो तुलसी के घर में बिजली कनेक्शन नहीं है ऐसे में वह लालटेन की रोशनी में रात को पढ़ाई करती थी. कड़े संघर्ष के बाद मिली इस सफलता ने साफ कर दिया कि प्रतिभा किसी संसाधनों की मोहताज नहीं होती है. गरीब परिवार से ताल्लूक रखने वाली तुलसी के संघर्ष को आज हर कोई सलाम करता है.
तुलसी का कहना है कि सरकारी स्कूल में पढ़ने के साथ-साथ रोजाना मिलों का पैदल सफर यकीनन सफलता दिला ही देता है. आजादी के 75 साल बाद भी उनके घर पर बिजली कनेक्शन नहीं है, ऐसे में उसने लालटेन की रोशनी में पढ़ाई की. वह बताती है कि 5 भाई-बहन में से 4 भाई-बहन आज भी पढाई करते है लेकिन सुविधाएं नगण्य है.
पिता विशनाराम गुजरात मे मजदूरी करते है तो माता हबू देवी ग्रहणी है. ऐसे में परिवार का गुजर बसर करना मुश्किल होता है. इसके बावजूद लालटेन की रोशनी में पढाई कर 12वीं में अच्छे अंक हासिल किए है. तुलसी बताती है कि उनका सपना भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने का है.
तुलसी ने 12वीं कला वर्ग में 94.80 फीसदी अंक हासिल किए है. तुलसी ने हिंदी में 93, अंग्रेजी में 91, राजनीतिक विज्ञान में 93, इतिहास में 97 और भूगोल में 100 अंक हासिल किए है.
जबकि तुलसी ने दसवीं में 89 फीसदी अंक हासिल किए थे. आज सही मायने में तुलसी ने वह कर दिखाया है जोकि शहर में रहकर चकाचौंध वाली जिंदगी जी रहे विद्यार्थी नही कर पाते है.
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