राजस्थान के अनूठे सांवलिया सेठ धाम (Sanwaliya Seth Praktya Temple) में सोमवार से परम्परागत मेला शुरू हो गया. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने जलझूलनी एकादशी पर सांवलियाजी धाम पर इस 3 दिवसीय मेले (Jal Jhulni Ekadashi mela) का औपचारिक शुभारंभ किया. इस मेले में देश-दुनिया से हजारों श्रद्धालु सांवलिया सेठ के दर्शन करने पहुंचते हैं. मान्यता के अनुसार यहां आने वाले भक्त सांवलिया सेठ को अपना बिजनेस पार्टनर भी मानते हैं और अपनी आमदमी का एक हिस्सा दान पेटियों में चढ़ाते हैं. यही कारण है कि यहां की दान पेटियों को खोला जाता है तो 'पार्टनर' सांवलिया सेठ के भंडारे में करोड़ों की नकदी और कई किलो सोना-चांदी मिलती है. अगली स्लाइड्स में पढ़ें, चित्तौडगढ़ (Chittorgarh - Udaipur Highway) के मंडफिया स्थित श्री सांवलिया सेठ के 450 साल पुराने मंदिर में हर अमावस के पहले खुलता है भंडारा...
मेवाड़ के आराध्य देव श्रीसांवलिया सेठ के भण्डार की गिनती का काम हर अमावस के पहल चौदहवी के दिन होता है. भंडार में श्रीसांवलिया पर करोड़ों रुपए का चढ़ावा चढ़ा आता है जिसे गिनते-गिनते लोगों का पसीना छूट जात है. यह इतनी बड़ी रकम होती है कि इसके लिए कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया जाता है. आपको बता दें कि कुछ समय पहले एक माह के दान पात्र से करीब 4 करोड़ की नगदी, 225 ग्राम 470 मिली ग्राम सोने और 11 किलो 362 ग्राम चांदी के आभूषण निकले थे. अगली स्लाइड में पढ़ें, क्या कहते हैं मंदिर मंडल के सीईओ?
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