राजस्थान की बीजेपी की पूर्व विधायक और जयपुर के पूर्व राजघराने की सदस्य दीया कुमारी और नरेंद्र सिंह की प्रेम कहानी का मंगलवार सुबह अंत हो गया. दीया कुमारी को दिया कुमारी की अर्जी को फैमिली कोर्ट-1 ने मंजूरी दे दी और आपसी रजामंदी से दोनों के बीच तलाक हो गया. दीया की अर्जी को जज झूमरलाल चौहान ने मंजूरी दे दी. विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की चर्चाओं के बाद पिछले कई दिनों से दीया कुमारी पारिवारिक कारणों से चर्चा थीं. शादी के 21 साल बाद दीया ने पति नरेंद्र सिंह से तलाक मांगते हुए जयपुर में गांधीनगर स्थित महानगर की फैमिली कोर्ट-संख्या एक में तलाक की अर्जी दाखिल की. दीया कुमारी को बीजेपी फिर से चुनावी मैदान में उतारना चाहती थीं लेकिन शायद इन्हीं पारिवारिक कारणों के चलते उन्होंने टिकट लेने से इनकार कर दिया था. दीया कुमारी ने 1997 में नरेंद्र सिंह के साथ लव मैरिज किया था और अब इस रिश्ते को खत्म कर तलाक का फैसला लिया है. अगली स्लाइड्स में देखें- जयपुर की राजकुमारी दीया कुमारी से जुड़ी खास जानकारी...
दीया कुमारी अपने समाज सेवा से जुड़े कामकाज और पूर्व राजपरिवार की प्रतिष्ठा के चलते जयपुर में चर्चित शख्सियत के तौर पर पहचानी जाती हैं. वे अपनी पारिवारिक विरासत सिटी पैलेस और जयगढ़ फोर्ट समेत अन्य इमारतों और हेरिटेज के संरक्षण के कामकाज में भी व्यस्त रहती हैं.
दीया जयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य सवाई भवानी सिंह और पद्मनी देवी की बेटी हैं. उन्होंने अपनी शिक्षा जयपुर, दिल्ली व लंदन से की. दीया ने सिवाड़ के कोठड़ा ठिकाने के नरेंद्र सिंह राजावत से प्रेम विवाह किया. यह विवाह अगस्त 1997 में हुआ था.
दीया कुमारी, जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह और उनकी पहली पत्नी मरुधर कंवर के बेटे भवानी सिंह और पद्मिनी देवी की इकलौती संतान हैं.
दीया की पढ़ाई नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल और जयपुर के महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल में हुई. हायर स्टडी के लिए दीया लंदन चली गई थीं.
दीया कुमारी और नरेंद्र सिंह के प्रेम विवाह को लेकर पूर्व में खासा विवाद हुआ. राजपूत समाज की सबसे बड़ी पंचायत राजपूत सभा की ओर से भी इसे लेकर काफी नाराजगी जताई गई थी. दोनों का एक ही गोत्र होने के चलते काफी हंगामा हुआ था.
दीया कुमारी और नरेंद्र सिंह की शादी से तीन संतान हुईं. दो बेटे और एक बेटी. उनके बड़े बेटे पद्मनाभ सिंह को महाराजा भवानी सिंह ने अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था.
पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2013 में दीया कुमारी ने अपनी दादी पूर्व राजमाता गायत्री देवी की तरह राजनीति में प्रवेश किया.( फोटो-पद्मनाभ सिंह).
सितम्बर 2013 में जयपुर में हुई रैली के दौरान दीया ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. और बीजेपी ने उन्हें सवाई माधोपुर से टिकट थमा दिया.
दीया कुमारी को सवाई माधोपुर से बहुमत मिला और डॉ. किरोड़ीलाल को शिकस्त देते हुए विधानसभा पहुंचीं. (फोटो- हाल ही जयपुर में बीजेपी प्रमुख अमित शाह से मुलाकात)
दीया कुमारी के बड़े बेटे पद्मनाभ सिंह का जन्म 2 जुलाई 1998 को हुआ था. स्व. भवानी सिंह ने 22 नवम्बर 2002 को उत्तराधिकारी घोषित किया था (फोटो-पद्मनाभ सिंह).
पद्मनाथ को 27 अप्रैल 2011 को जयपुर की गद्दी पर बैठाने की रस्म अदा की गई थी.(फोटो- नानी के साथ पद्मनाभ सिंह)
सवाई माधाेपुर से बीजेपी प्रत्याशी के रूप में वसुंधरा राजे ने दीया कुमारी को मैदान में उतारा था.
नरेंद्र सिंह और दीया कुमारी के प्रेम विवाह की उम्र 21 साल ही तय थी, शायद इसी लिए दोनों ने यह संबंध आगे जारी नहीं रखने का फैसला लिया.
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