जयपुर. विजयादशमी (Vijayadashami Festival) के ठीक एक दिन पहले सोमवार शाम को तूफानी बारिश (Rain) ने राजधानी जयपुर (Jaipur) में जमकर कहर बरपाया. करीब एक घंटे की तेज बारिश के साथ कई इलाकों में ओले (Hailstorm) भी गिरे. इस आसमानी आफत ने रावण मंडी (Ravan Mandi) समेत रावण के पुतले (Ravana Effigy) बनाने वालों की आधा दर्जन बस्तियों में पिछले तीन महीने की मेहनत पर पानी फेर दिया. जो सपने संजोए थे वो बारिश में पुतलों के साथ देखते ही देखते धराशायी (Rains Dashed Hope Of A Good Business) हो गए. राम का सामना करने से पहले ही सैकड़ों रावण काल का ग्रास बन गए. उत्साह और उल्लास के साथ रावण बनाकर अच्छी बिक्री की आस लगाए बैठे गरीब ग्रामीण परिवारों की आंखों के सामने बारिश के बाद का मंजर रुला देने वाला था. हालांकि इस विपदा की घड़ी में भी परिवार के मुखिया जैसे-तैसे फिर से रावण के पुतलों को दुरुस्त करने की मशक्कत करने नजर आए. अगली स्लाइड्स में तस्वीरों के साथ पढ़ें, कैसे कला के कारोबारी से दया के पात्र बन गए रावण बनाने वाले...
राजधानी में चारों ओर दशहरा (Dussehra) पर रावण दहन को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है लेकिन रावण मंडी में टूटे-फूटे, बदरंग रावण का अब कोई खरीदार नहीं रहा.शहर (Jaipur) में करीब 150 परिवार रावण (Ravan) और कुंभकरण (kumbhakaran) के पुतले तैयार करने में पिछले 3 महीने से जुटे थे.
मानसरोवर मेट्रो स्टेशन के पास रावण मंडी में ही 100 से अधिक परिवार रावण के पुतले बनाने में दिन-रात एक किए हुए थे. इनमें महिला, पुरुष, बुजुर्ग और बच्चे सभी शामिल हैं.
सोमवार को आई तेज बारिश में रावण मंडी के साथ आदर्श नगर, शास्त्री नगर, मानसरोवर और प्रतापनगर में भी सहित कई जगहों पर सजी रावण की मंडी के पुतले बर्बाद हो गए. रावण मंडी के कारीगरों के प्रमुख जगदीश जोगी के अनुसार पिछले दो महीने की बारिश से पहले ही सामान (बांस, लकड़ी, रस्सी, सूत, कागज) महंगा होने से लागत अधिक आई है.
रावण मंडी में इस बार 150 रुपए से लेकर 80 हजार रुपए तक के रावण बिक्री के लिए रखे हुए थे. छोटे पुतला जहां 150 से 350 रुपए में बिक रहा था वहीं बड़े पुतले 20 हजार और खास ऑर्डर पर बनने वाले 70-80 फीट के रावण की कीमत 80 हजार से 150 लाख रुपए तक रखी गई.
रावण मंडी में बारिश के बाद तबाही को देखकर कई परिवारों का हौसला टूट गया. शाम होते-होते बच्चों के हाथों में Please Help Me के पैम्फलेट नजर आने लगे.