पुलिस की लाठियां बरसते ही हंगामा मच गया. मौके पर अफरातफरी का आलम था. कांग्रेस के कार्यकर्ता अपना सिर बचाकर भागने लगे. भागते हुए कुछ कार्यकर्ताओं के सिर से खून बहते हुए दिखा.
मौके पर दिखा कि एक शख्स अपना सिर पकड़कर बैठा है. उसका चेहरा खून से तरबतर था. उसके आसपास चारों ओर पुलिस के पांव दिख रहे थे. एक-दो पुलिसकर्मी इस शख्स की मदद करने की कोशिश करते भी दिखे.
मतदान स्थल पर हुए हंगामे के बाद पुलिसकर्मियों ने कार्यकर्ताओं को खदेड़कर पीटा. इस दौरान पुलिस की लाठियों से घायल हुए एक शख्स को उसके कुछ साथी किनारे की ओर लेकर गए. उन्हें पानी पिलाया और उनके सिर पर बने जख्म से बहते खून को रोकने की कोशिश करते दिखे.
मौके से भीड़ छंटने के बाद घायल हुए लोगों को उनके साथियों ने अस्पताल पहुंचाया. लोगों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें बेवजह खदेड़-खदेड़कर पीटा है. पुलिस की लाठी से कई लोगों के सिर फूटे हैं. घायलों का इलाज निकट के अस्पताल में कराया गया.
लाठीचार्ज के बाद मौके पर पहुंचे कोटा रेंज के डीआईजी रविदत्त गौड़ ने जिला पुलिस अधीक्षक गौरव यादव और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन से रिपोर्ट ली. डीआईजी ने कहा है कि सीएडी सर्किल से भाजपा पार्षदों की बस नगर निगम कार्यालय तक कैसे पहुंची- इस बारे में वे एसपी व एडिशनल एसपी से रिपोर्ट लेंगे.
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की. सरकार ने घटना की प्रशासनिक जांच का आदेश दिया है. गृह सचिव एनएल मीणा को कोटा में हुए लाठीचार्ज की जांच की जिम्मेवारी सौंपी गई है.