रविवार को फिर नागौर के जाटों ने अपने ही इतिहास को दोहराया. यहां अब तक का सबसे बड़ा मायरा ढी़गसरा के मेहरिया परिवार के मजबूत स्तंभ ने भरा (रिपोर्ट- कृष्ण कुमार)
नागौर जिले मे मायरों को भरने का ये रिकॉर्ड जायल तहसील का है. लेकिन रविवार को ये रिकॉर्ड टूट गया. नागौर के खींवसर तहसील के ढी़गसरा गांव के निवासी चार भाईयों ने अपनी बहन को आठ करोड़ 31 लाख रुपये का मायरा भरा है. इससे पहले नागौर में कुछ दिन पहले डॉलर से सजी चुनरी तीन करोड़ इक्कीस लाख का मायरा भरा गया था. भागीरथ मेहरिया, अर्जुन मेहरिया प्रहलाद मेहरिया व उम्मेद जी मेहरिया ने अपनी बहन भंवरी को 8 करोड़ इक्कीस लाख का मायरा भरा.
मायरा भरने को लेकर अकसर सल्लतनत काल से ही नागौर की जायल तहसील प्रसिद्ध है. वहां पर कुछ समय पहले दो भाइयों द्वारा अपनी बहन को डॉलर से सजी चुनरी और एक करोड़ का मायरा भरा गया. वहीं इसके बाद में बुरड़ी गांव के निवासी भंवरलाल चौधरी ने 3 करोड़ 21 लाख का मायरा भरा. वही अभी इन सब मायरो रिकॉर्ड टूट चुका है वर्तमान में भागीरथ मेहरिया के परिवार ने 8 करोड़ 1 लाख मायरा भरा है.
रविवार को फिर नागौर के जाटों ने अपने ही इतिहास को दोहराया है. नागौर में अब तक का सबसे बड़ा मायरा ढी़गसरा के मेहरिया परिवार के मजबूत स्तंभ समाज रत्न भागीरथजी मेहरिया के परिवार द्वारा बहन भंवरी देवी रायधानु वालो के 8 करोड़ 31 लाख कामायरा भरा.
इसमें 2 करोड़ 21 लाख नकद रुपये,71 लाख का स 1 किलो 105 ग्राम सोना,9 लाख 80 हजार की 14 किला चांदी दी जिसमे 2 किलो चांदी बहन को और बाकी 800 सिक्के पूरे गांव को बांटे.
इतना ही नहीं भाई ने 4 करोड़ 42 लाख की 100 बीघा जमीन और गुढ़ा भगवान दास में 50 लाख का प्लॉट, गुढ़ा भगवान दास में 1 बीघा जमीन, और 7 लाख का ट्रैक्टर ट्रॉली गेहूं से भरी हुई मायरे में शामिल है.
यह मायरा नागौर के रायधनु गांव के निवासी गणेश जी पुत्र श्री लक्ष्मण जी गोदारा की पत्नी भंवरी देवी को भरा गया. इस मायरे की खास बात हैं ढ़ीगसरा गांव से लेकर रायधनु गांव तक बैलो को भी साथ लेकर गए थें.
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