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Startups: सास बहू और देवर ने किया कमाल, गांव से शुरू किया बिजनेस, 5 करोड़ के टर्नओवर तक पहुंचा डाला

Saas Bahu ka Kamal: कहते हैं कि मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कामयाबी (Success) आपके कदम चूमती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Mod) के आह्वान के बाद देश में लगातार बढ़ते स्टार्टअप (Startup) इसके बेहतरीन उदाहरण पेश कर रहे हैं. ऐसा ही एक स्टार्टअप खड़ा किया है राजस्थान के राजसमंद जिले के कांकरोली की सास, बहू और देवर (Saas bahu and dever) की जोड़ी ने. ये छोटे-छोटे कुंभकारों को ना सिर्फ रोजगार (Employment) दे रहे हैं बल्कि अपनी माटी की महक सात समंदर पार भी पहुंचा रहे हैं.

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कोरोना के समय अगर किसी वर्ग पर सबसे अधिक मार पड़ी थी तो वह तबका था हस्तशिल्पियों का. छोटा-छोटा रोजगार करने वाले लोगों का तबका. कुंभकार भी इस त्रासदी की मार से अछूते नहीं रहे. उनके भी चाक थम गए थे. इस मुश्किल घड़ी में राजसमंद जिले के कांकरोली निवासी सुनिता व्यास, उनके छोटे बेटे दत्तात्रेय और पुत्रवधू माधवी पालीवाल ने मिलकर हस्त कलाकारों के लिए कुछ करने का प्लान किया.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान से प्रेरित होकर ग्रामीण कल्चर और हस्तकला को बढ़ावा देने के लिए लेकर कोरोना काल में अगस्त 2020 में स्वदेशी ब्लेसिंग नाम से कंपनी बनाकर हस्त कलाकारों को रोजगार देने की शुरुआत की. सुनीता व्यास का कहना है कि प्राचीन समय में मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाया जाता था. दादी नानी के जमाने की परंपरा को उन्होंने अपनाकर अपनी माटी की महक दुनिया तक पहुंचाने का जिम्...

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माधवी व्यास ने बताया कि समय के साथ घरों में एल्युमिनियम के बर्तनों का उपयोग होने लग गया. इन बर्तनों में बना भोजन पूर्ण रूप से पक भी नहीं पाता है और स्वाद भी ज्यादा नहीं होता है. राजस्थान में भोजन बनाने के लिए कालांतर से पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों को ही उपयोग में लिया जाता था. कोरोना काल में पारंपरिक भोजन बनाने का चलन तो ज्यादा बढ़ गया, लेकिन लोगों को मिट्टी से बने बर्तन नहीं मिल पा रहे ...

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दत्तात्रेय ने बताया कि तीनों ने मिलकर शुरुआत में 50 हजार रुपये लगाकर कंपनी शुरू की. मिट्टी के बर्तनों के फोटो खींचकर वेबसाइट पर अपलोड किए. मिट्टी से बने बर्तन की भारतीय बाजार से मांग आने लग गई. इसके बाद विदेश में निर्यात करना शुरू कर दिया. कंपनी ने शुरुआत के 2 साल में 5 करोड़ का टर्न ओवर किया. कंपनी के सदस्य सोनी टीवी के चर्चित स्टार्टअप फंडिंग शो शार्क टैंक इंडिया के सीजन टू के एपिसोड ...

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आज राजस्थान के विभिन्न जिलों के 100 से अधिक हस्त कलाकार और कुम्हार से इनकी कंपनी से जुड़कर मिट्टी से बने बर्तन बेच रहे हैं. इनमें 65 से अधिक प्रकार के बर्तन कंपनी द्वारा बेचे जा रहे हैं. कंपनी संचालकों का कहना है कि इससे दूसरे छोटे कारीगरों को काम मिल रहा है. वहीं देश की मिट्टी की सुगंध विदेशों में भी फैल रही है.

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    Startups: सास बहू और देवर ने किया कमाल, गांव से शुरू किया बिजनेस, 5 करोड़ के टर्नओवर तक पहुंचा डाला

    कोरोना के समय अगर किसी वर्ग पर सबसे अधिक मार पड़ी थी तो वह तबका था हस्तशिल्पियों का. छोटा-छोटा रोजगार करने वाले लोगों का तबका. कुंभकार भी इस त्रासदी की मार से अछूते नहीं रहे. उनके भी चाक थम गए थे. इस मुश्किल घड़ी में राजसमंद जिले के कांकरोली निवासी सुनिता व्यास, उनके छोटे बेटे दत्तात्रेय और पुत्रवधू माधवी पालीवाल ने मिलकर हस्त कलाकारों के लिए कुछ करने का प्लान किया.

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