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गजब है इस शहर का मुकद्दर! 2 जिलों की सीमाओं में पड़ता है यह कस्‍बा, सुविधा 25 हजार के लिए, फायदा उठाते हैं 50 हजार

Ajab-Gajab Town: सीमा विवाद से भारत समेत पूरी दुनिया जूझ रही है. कुछ सीमा विवाद ऐसे होते हैं, जिससे लोगों के साथ ही प्रशासन को भी परेशानियों को सामना करना पड़ता है. चाहकर भी इस तरह की समस्‍याओं का निपटारा जल्‍द संभव नहीं हो जाता है. आज हम आपको राजस्‍थान के एक ऐसे शहर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका आधा-आधा क्षेत्र 2 जिलों की सीमाओं के अंतर्गत आता है. इससे अनेक तरह की समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है. (फोटो एवं टेक्‍स्‍ट: दौलत पारीक)

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टोंक जिले का देवली कस्बा राजनीतिक अनदेखी का शिकार है. राजस्‍थान का यह छोटा सा शहर 2 जिलों की सीमाओं में अंगर्तत आता है. ऐसे में देवली शहर की आधी आबादी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जुझ रही है. 50 हजार की आबादी वाले कस्बे देवली में 25 हजार लोग भीलवाड़ा जिले की सीमा में निवास करते हैं, जबकि बाकी की आबादी टोंक जिले में आता है. शहर का 40 प्रतिशत हिस्सा भीलवाड़ा जिले की कुचवाड़ा और ऊंचा ग्राम ...

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एक शहर के दो जिलों की सीमाओं में आने के चलते स्‍थानीय लोगों को समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है. जिलावार सुविधाओं का फायदा हो या दैनिक कार्य के लिए सरकारी ऑफिस जाने की बात, इन दोनों मामलों में लोगों को कठ‍िनाइयों का सामना करना पड़ता है. (फोटो: दौलत पारीक/न्‍यूज 18 हिन्‍दी)

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देवली शहर की दर्जनों रिहायशी कॉलोनियां भीलवाड़ा जिले में आती हैं, लेकिन सीमा विवाद के चलते पट्टे देवली नगरपालिका जारी करती है. सुविधाएं देनी की बारी आती है तो भौगोलिक स्थिति भीलवाड़ा बताकर पल्ला झाड़ लिया जाता है. यहां के लोग भीलवाड़ा जिले के 2 सरपंच चुनते हैं, लेकिन सड़क, पानी, बिजली की सुविधा ग्राम पंचायत मुहैया नहीं करवा पाती है. लोगों को छोटे-बड़े सरकारी काम के लिए भी जहाजपुर या भील...

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कांग्रेस विधायक हरीश चंद मीणा खुद मानते हैं कि 50 फ़ीसदी लोगों को सुविधा नहीं मिल रही है, लेकिन आज तक विवाद खत्म नहीं हुआ है. इसका खामियाजा वहां के स्‍थानीय लोगों को भुगता पड़ता है. बिजली या पानी की आपूर्ति 25 हजार लोगों के ध्‍यान में रखकर की जाती है, लेकिन उसका इस्‍तेमाल 50 हजार लोग करते हैं. इससे हमेशा समस्‍याएं बनी रहती हैं. (फोटो: दौलत पारीक/न्‍यूज 18 हिन्‍दी)

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देवली की हनुमानगर नगर, ज्योति कॉलोनी भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर में आते हैं. कुचलवाड़ा रोड, शिव कॉलोनी, कोटा रोड, अजमेर-कोटा बाइपास, जैन कॉलोनी, सैनिक कॉलोनी भी भीलवाड़ा में आते हैं. सीमा विवाद के चलते देवली नगरपालिका यहां सुविधा नहीं दे पा रही है. (फोटो: दौलत पारीक/न्‍यूज 18 हिन्‍दी)

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    गजब है इस शहर का मुकद्दर! 2 जिलों की सीमाओं में पड़ता है यह कस्‍बा, सुविधा 25 हजार के लिए, फायदा उठाते हैं 50 हजार

    टोंक जिले का देवली कस्बा राजनीतिक अनदेखी का शिकार है. राजस्‍थान का यह छोटा सा शहर 2 जिलों की सीमाओं में अंगर्तत आता है. ऐसे में देवली शहर की आधी आबादी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जुझ रही है. 50 हजार की आबादी वाले कस्बे देवली में 25 हजार लोग भीलवाड़ा जिले की सीमा में निवास करते हैं, जबकि बाकी की आबादी टोंक जिले में आता है. शहर का 40 प्रतिशत हिस्सा भीलवाड़ा जिले की कुचवाड़ा और ऊंचा ग्राम पंचायत में आता है. (फोटो: दौलत पारीक/न्‍यूज 18 हिन्‍दी)

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