मेवाड़ के पूर्व महाराणाओं ने अपने शौक के चलते कई विंटेज कारों को खरीदा था. भगवत सिंह मेवाड़ के बाद अरविंद सिंह मेवाड़ और लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ भी लग्जरी कारों के शौकीन हैं. उनके इसी शौक के चलते कारों का कलेक्शन बढ़ता गया. मेवाड़ के पूर्व राज परिवार के पास विंटेज एंड क्लासिक कार कलेक्शन में आरजेवाई 19 नंबर की ब्यूक कार देखी जा सकती है. यह कार 1946 मॉडल की है. इसे लक्जरी उत्पादों की मांग होने पर लॉन्च किया गया था. इस कार को चमकीले क्रोम इंटीरियर के साथ जॉज के नाम से जाना जाता था. ब्यूक सुपर फोर डोर सेडान अपनी बेहतर तकनीकी सुविधओं के साथ पहले से ही फैशनेबल फोर्ड की तुलना में लोकप्रिय हो गई थी.(Photo credit @ former udaipur royal family and HRH group of hotels)
आरजेवाय 14 और आरजेवाय 15 रजिस्ट्रेशन नंबर की कारें मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के कारों के कलेक्शन को और ज्यादा यूनिक बनाती हैं. मेवाड़ हाउस कैडिलैक-कन्वर्टिबल और सैलून की एक जोड़ी रखने वाले पहले लोगों में से एक था. यह कार 1938 मॉडल की है. इसका उपयोग उदयपुर के श्रीजी अरविंद सिंह मेवाड़ द्वारा शाही समारोहों और त्योहारों जैसे अश्व पूजा, दशहरा और होलिका दहन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए किया जाता है. दूसरी ओर कैडिलैक सैलून का उपयोग महारानी अपनी निजी कार के रूप में करती हैं. जनवरी 1960 में इंग्लैंड की महारानी, 1963 में जैकलीन कैनेडी और 1968 में ईरान के शाह के उदयपुर दौरे के दौरान यह कार काम में ली गई थी. (Photo credit @ HRH group of hotels)
हाउस ऑफ मेवाड़ ने करीब सात दशक पहले फोर्ड ए को कार को अपने कार कलेक्शन में शामिल किया था. इस कार का रजिस्ट्रेशन नंबर आरजेवाई 68 है. यह कार 1930 मॉडल की है. इस कार को फोर्ड कंपनी ने तब डिजाइन किया था जब फोर्ड की बिक्री लगातार गिरावट के दौर में थी. इस कार को नई डिजाइन और इंजीनियरिंग के आधार पर तैयार किया गया था. यह कार दुनिया की सबसे संग्रहणीय कारों में से एक है. (Photo credit @ HRH group of hotels)
आरआरवाय 101 रजिस्ट्रेशन नंबर की मॉरिस कंपनी की कार को पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड ने 70 के दशक में हैदराबाद से खरीदा था. अरविंद सिंह मेवाड़ एमजी ओनर्स क्लब के सदस्य भी थे. यह कार एक सिंगल टू-सीटर कार है जो सिर्फ 15 सेकंड में 70 मील प्रति घंटे की अधिकतम स्पीड तक पहुंच जाती है. (Photo credit @ HRH group of hotels)
आरएसवाय 1 रजिस्ट्रेशन नंबर की रोल्स रॉयस कार भी हाउस ऑफ मेवाड़ के कार कलेक्शन की शान है. ब्रिटेन में 36000 रोल्स रॉयस कारों का उत्पादन किया गया था. उनमें से 1000 कारें भारत में निर्यात की गई थी. क्योंकि यह कार भारतीय रॉयल्टी की पसंदीदा कार थी. द रोल्स रॉयस फैंटम II 181 आरवाई का इस्तेमाल जेम्स बॉन्ड फिल्म 'ऑक्टोपसी' में किया गया था. इसे बड़े पैमाने पर उदयपुर में फिल्माया गया था. पूर्व राजपरिवार के पास स्थित 1934 'फैंटम II' 40-50HP को कारों के रोल्स रॉयस परिवार में सबसे बेशकीमती माना जाता है. कार अभी भी अच्छी स्थिति में है. इसमें रिवायरिंग और क्लच से संबंधित कार्य सहित कुछ रिपेयरिंग का काम किया गया है. (Photo credit @ HRH group of hotels)
मेवाड़ के पूर्व राजपरिवारों को रॉल्स रॉयस कारों का विशेष शौक रहा है. हाउस ऑफ मेवाड़ में पहली रॉल्स रॉयस कारों में जीएलके 21 कार शामिल थी. यह कार 1924 मॉडल की है. इस कार का वर्ष 1999 मे रिपेयरिंग का कार्य शुरू हुआ था. इस कार की मरम्मत के लिये रेडिएटर सहित प्रमुख पुर्जों को लंदन भेजा गया तो वहीं इसके टायर न्यूजीलैंड से मंगवाए गए थे. नवंबर 2008 में इस कार को 'बेस्ट ऑफ क्लास कैटेगरी, विंटेज क्लासिक इन द कार्टियर ट्रेवल विद स्टाइल कॉनकॉर्स' से सम्मानित किया गया. इस कार ने कैलिफोर्निया USA में आयोजित 62 वें पेबल बीच कॉनकॉर दे एलेगेंस कि द लुसियस बिबे ट्रॉफी जीती है. (Photo credit @ HRH group of hotels)
आरजेवाय 1878 रजिस्ट्रेशन नंबर की कार वॉक्सहॉल 12 (डीलक्स) में एक इंजन है. यह चार सिलेंडर, एक डेल्को इलेक्ट्रिक सिस्टम, ड्राई प्लेट क्लच और चार स्पीड ट्रांसमिशन के साथ चलती है. पुणे में एक सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से मूल डैशबोर्ड गेज का पता लगाया गया और मूल आकार के टायर वॉक्सहॉल ओनर्स क्लब यूके से प्राप्त किए गए थे. उसके उदयपुर अरविंद सिंह मेवाड़ सदस्य हैं. लक्जरी कारों के शौकीन मेवाड़ पूर्व राजपरिवार ने इनमें पेट्रोल भरने के लिए म्यूजियम में ही शैल का एक पेट्रोल पंप भी लगाया जो आज भी काम करता है. (Photo credit @ HRH group of hotels)
मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य लक्ष्यराज सिंह भले ही सादगी पसंद हों लेकिन वे कारों के काफी शौकूीन हैं. यही वजह है कि मेवाड़ की रॉयल फैमेली का विंटेज और क्लासिक कारों का कारवां आज भी पूरी तरह से मेंटेन है. उनकी हर चीज की समय-समय पर पूरी देखरेख की जाती है. (Photo credit @ former udaipur royal family)
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