विदेशी सरजमीं पर श्रीलंका की क्रिकेट टीम ने अपना पहला टेस्ट मैच साल 1995 में जीता था. श्रीलंका को विदेशों में अपना पहला टेस्ट जीतने में 24 सालों का लंबा इंतजार करना पड़ा. न्यूजीलैंड के खिलाफ श्रीलंका की टीम ने इस मैच को भारी अंतर से जीता था. इस मैच में जीत के हीरो कोई और नहीं बल्कि चामिंडा वास थे.
नई दिल्ली. यह कहानी है श्रीलंका की क्रिकेट टीम के सबसे सफल तेज गेंदबाज की, जिसने कभी क्रिकेटर बनने का सपना देखा भी नहीं था. इस बॉलर का परिवार काफी धार्मिक था. क्रिकेट से दूर दूर तक उनका कोई लेना देना नहीं था. ऐसे में बेटा भी परिवार के नक्षे कदम पर ही चला. उसने बचपन से ही एक चर्च का पादरी बनने का सपना देखा था. चर्च में पादरी बनने के लिए उसकी शिक्षा बचपन से ही जोर-शोर से चल रही थी. (Twitter/Kanchana Pitigala)
जीवन के 12 से 14 साल तक वो इसी दिशा में आगे बढ़ा. इसके बाद फिर एक दिन उनके हाथ क्रिकेट की गेंद लगी. गेंदबाजी के प्रति उनका रुझान इस कदर बढ़ा कि फिर उन्होंने अपने बचपन के सपने को पीछे छोड़ दिया और एक सफल क्रिकेटर बनकर सामने आया. वो इतने सफल गेंदबाज बने जिसकी बराबरी अबतक भी कोई श्रीलंकाई तेज गेंदबाज नहीं कर पाया है. (AFP)
जी हां, हम बात कर रहे हैं चामिंडा वास की. वास का पूरा नाम इतना बड़ा है कि शायद ही किसी क्रिकेटर का आपने इतना बड़ा नाम सुना हो. उनका पूरा नाम है ‘वार्णकुलसूर्य पातबेंडिगे उषांथा जोसेफ चामिंडा वास’. उनकी काबिलियत से हर कोई वाकिफ है. महज 21 साल की उम्र में ही इस श्रीलंकाई गेंदबाज ने अपनी धारदार गेंदबाजी का परिचय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दे दिया था. (AFP)
यूं तो श्रीलंका की टीम को साल 1981 में आईसीसी ने टेस्ट क्रिकेट खेलने का दर्जा दे दिया था. वो क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप का हिस्सा बनने वाला आठवां देश बना. हालांकि इसके बावजूद अगले 24 साल तक श्रीलंकाई टीम विदेशी सरजमीं पर एक भी टेस्ट मैच नहीं जीत पाई. पहला टेस्ट श्रीलंकाई टीम ने 1995 में जीता, जिसकी वजह 21 साल का तेज गेंदबाज चामिंडा वापस बने. (AFP)
चामिंडा वास ने न्यूजीलैंड को उन्हीं की धरती पर हराने में सबसे अहम भूमिका निभाई. उन्होंने दोनों पारियों के दौरान 5 विकेट हॉल अपने नाम किए. जिसके दम पर लंकाई टीम ने न्यूजीलैंड को सीरीज के पहले टेस्ट मैच में 241 रनों के बड़े अंतर से मात दी थी. दूसरी पारी के दौरान मुथैया मुरलीधरन ने भी पांच विकेट निकाले. (AP)
चामिंडा वास के नाम एक ऐसा वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज है जिसे तोड़ पाना मुश्किल ही नहीं नामुम्किन जैसा है. वास वनडे मैच की एक पारी में आठ विकेट अपने नाम कर चुके हैं. कोई अन्य गेंदबाज उनके रिकॉर्ड को तोड़ना तो दूर बराबरी भी नहीं कर पाया है. साल 2001 में जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच के दौरान उन्होंने ये कीर्तिमान अपने नाम किया था. (AFP)
चामिंडा वास टेस्ट क्रिकेट में 111 मैचों में 355 विकेट अपने नाम कर चुके हैं. बल्ले से एक शतक और 13 अर्धशतक भी उन्होंने लगाए. 322 टेस्ट में उनके नाम 400 विकेट हैं. वो श्रीलंका के लिए छह टी20 अंतरराष्ट्रीय भी खेले. साल 2009 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच के बाद वास ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. (AFP)