चेतेश्वर पुजारा टीम इंडिया को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जिता सकते हैं. इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेलते वक्त उनका रिकॉर्ड बेहद शानदार रहा था. अंग्रेजों के गढ़ में उन्होंने तीन दोहरे शतक ठोक दिए थे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खिताबी मैच में वो भारत की नैया पार लगाने का दम रखते हैं.
नई दिल्ली. आगामी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल को देखते हुए टीम इंडिया में चेतेश्वर पुजारा की भूमिका काफी अहम होने वाली है. पुजारा को इंग्लैंड की सरजमीं पर काउंटी क्रिकेट में रिकॉर्ड बेहद शानदार रहा है. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खिताबी मैच में वो अहम भूमिका निभाएंगे. (RCB)
बेहद कम लोग यह जानते हैं कि चेतेश्वर पुजारा अपने बचपन के दिनों में एक विकेटकीपर के तौर पर खेला करते थे. वो टेनिस बॉल के क्रिकेटर में विकेटकीपिंग किया करते थे. हालांकि तब पुजारा पिता से छुप-छुप कर क्रिकेट खेला करते थे. पिता अरविंद पुजारा का मानना था कि टेनिस बॉल से खेलने से उनका क्रिकेट खराब हो जाएगा. (Cheteshwar Pujara/Instagram)
अरविंद पुजारा स्वयं पेशे से कोच थे. लिहाजा चेतेश्वर पुजारा विकेटकीपिंग के माध्यम से क्रिकेट से जुड़े हुए थे. पांच साल की उम्र से ही पिता ने उनके खेल पर काम शुरू किया. पुजारा का कहना है कि करियर के शुरुआती दौर में उनका रुझान गेंदबाजी की तरफ भी था. (Cheteshwar Pujara/Instagram)
पुजारा का कहना है कि उन्हें गेंदबाजी करना काफी पसंद है. वो एक अच्छा गेंदबाज बनना चाहते थे. अभी भी एक औसत दर्जे के पार्ट-टाइम बॉलर हैं. भारत-ऑस्ट्रेलिया बॉर्डर गावस्कर सीरीज के चौथे मैच में आखिरी दिन चेतेश्वर पुजारा भी गेंदबाजी करते नजर आए थे. हालांकि वो नियमित तौर पर गेंदबाजी नहीं करते हैं. (Cheteshwar Pujara/Instagram)
विकेटकीपिंग और बॉलिंग के प्रति खास रुझान होने के बावजूद चेतेश्वर पुजारा ने टीम इंडिया में खुद को एक बैटर के तौर पर स्थापित किया है. उनके सामने अब सबसे बड़ी चुनौती वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की है. इंग्लैंड के लंदन के ओवर मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 7 जून को यह मैच खेला जाएगा. (Twitter/R Ashwin)
टीम इंडिया को पुजारा से इस मैच में काफी उम्मींदे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि पुजारा का रिकॉर्ड इंग्लैंड की धरती पर बीते साल काउंटी क्रिकेट में बेहद शानदार रहा था. उन्होंने ससेक्स काउंटी क्लब के लिए बीते सीजन तीन दोहरे शतकों की मदद से एक हजार से ज्यादा रन बनाए थे. इस दौरान उनका औसत करीब 109 का रहा था. (BCCI)
विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम साल 2021 में न्यूजीलैंड के हाथों मिली शिकस्त के बाद टेस्ट चैंपियन बनने से चूक गई थी. ऐसे में इस बार नए कप्तान और कोच के साथ टीम कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहेगी. इंग्लैंड में खास रिकॉर्ड पुजारा और टीम इंडिया को चैंपियन बनाने में मददगार साबित हो सकता है. (AP)