नई दिल्ली. नागपुर के विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन ग्राउंड पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में फिरकी गेंदबाज रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन का जादू चला. इन दोनों ने मिलकर 10 में से आठ कंगारू बैटर्स को चलता किया. जडेजा ने अपने कमबैक मैच में पांच विकेट निकाले. वहीं, अश्विन ने भी कंगारू बैटर्स को खूब परेशान किया. (BCCI)
यूं तो ऑस्ट्रेलिया की टीम सिर्फ और सिर्फ अश्विन के खिलाफ खास तैयारी के साथ आई थी लेकिन अश्विन भी किसी से कम नहीं हैं. अश्विन जैसी गेंदबाजी करने वाले एक भारतीय गेंदबाज को ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपने प्रैक्टिस सेशन के दौरान जोड़ा था. अश्विन ने अपने एक्शन में परिवर्तन कर पेट कमिंस की टीम को धोखा दे दिया. (BCCI)
इस मैच में केएल राहुल की एक गलती का सीधा फायदा भी अश्विन को मिला गया है. अब देखना होगा कि यह स्पिनर इसका कितना उपयोग कर पाता है. दरअसल, मैच के दौरान ऑस्ट्रेलिया द्वारा पहली पारी में बनाए गए 177 रनों के जवाब में टीम इंडिया को रोहित शर्मा और केएल राहुल ने शानदार शुरुआत दिलाई. पैट कमिंस ने पहला ओवर डाला, जिसमें तीन चौके लगाकर हिटमैन ने अपने इरादे साफ कर दिए थे. (BCCI)
दिन का खेल खत्म होने तक रोहित 69 गेंदों का सामना करने के बाद 56 रन बनाकर खेल रहे हैं. केएल राहुल इस मैच में धीमी गति से रन बना रहे थे. उन्होंने 71 गेंदों पर 20 रन बनाए. दिन का खेल खत्म होने से ठीक एक ओवर पहले ऑस्ट्रेलिया के डेब्यूटेंट टोड मर्फी ने उन्हें अपनी ही गेंद पर कैच आउट कर दिया. केएल राहुल पहले ही खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं. टी20 से बाहर होने के साथ-साथ वनडे फॉर्मेट में उनसे उपकप्तानी छीन ली गई है. इस मैच की पहली पारी में रन बनाने से चूककर उन्होंने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है. (BCCI)
अश्विन को इस मैच में नाइट वॉचमैन के रूप में नंबर-3 पर बैटिंग के लिए आने का मौका मिल गया है. आमतौर पर चेतेश्वर पुजारा इस नंबर पर बैटिंग के लिए आते हैं. अश्विन शुक्रवार सुबह जब रोहित के साथ बैटिंग के लिए आएंगे तो उनका लक्ष्य अपने बल्ले से जोहर दिखाने का होगा. अमूमन विदेशी दौरों पर टीम इंडिया में केवल एक ही स्पिनर को प्लेइंग इलेवन में मौका दिया जाता है. (AP)
जडेजा से धारदार गेंदबाज होने के बावजूद उन्हें विदेशों में प्लेइंग इलेवन में तरजीह नहीं दी जाती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जडेजा एक अच्छे बैट्समैन हैं. ऑलराउंडर के रूप में टीम को वो एक अतिरिक्त बैट्समैन का फायदा भी देते हैं. अश्विन के टेस्ट करियर पर नजर डालें तो वो इस फॉर्मेट में 27 से अधिक की औसत से पांच शतक और 13 अर्धशतक लगा चुके हैं. (BCCI)
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