महिपाल राजस्थान के नागौर के रहने वाले हैं. वे बचपन से ही क्रिकेटर बनने का सपना देखते थे. महिपाल की दादी सिणगारी देवी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनका पोता बचपन में क्रिकेट खेलने की जिद करने लगा और कपड़े धोने वाले डंडे से क्रिकेट खेलने लगा. उसकी इस जिद के चलते क्रिकेट खेलने के लिए बल्ला दिलवाया. बल्ला मिलते ही महिपाल ने अपने घर के आगे की गली को ही क्रिकेट का मैदान बना दिया और अपनी बड़ी बहन से बॉलिंग करवा खुद बल्लेबाजी करना शुरू कर दिया.(फोटो साभार-mahipal_lomror)
महिपाल लोमरोर ने बेहद ही कम उम्र में घर छोड़ दिया था. दरअसल जब वो 11 साल के थे तो उनके पिता ने उन्हें नागौर से जयपुर भेज दिया था. नागौर में क्रिकेट की सुविधाएं अच्छी नहीं थी तो कोच के कहने पर लोमरोर के पिता ने उन्हें जयपुर भेज दिया. लोमरोर के साथ उनकी बूढ़ी दादी भी जयपुर शिफ्ट हुईं और उन्होंने अपने पोते को पाला. (फोटो साभार-mahipal_lomror)
महिपाल को जूनियर क्रिस गेल कहा जाता है. लोमरोर लंबे-लंबे हिट्स लगाने के लिए मशहूर हैं. साथ ही वो बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज भी हैं. अंडर 14 वेरॉक शील्ड में लोमरोर ने फाइनल में 250 रन बना डाले थे. इस पारी के बाद भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज चंद्रकांत पंडित ने उन्हें इंडियन क्रिस गेल कहा था.(फोटो साभार-mahipal_lomror)
21 साल का ये खिलाड़ी राजस्थान के लिए 33 फर्स्ट क्लास मैचों में 39 से ज्यादा की औसत से 1953 रन बना चुका है. लिस्ट ए में भी लोमरोर का औसत करीब 42 का है. आईपीएल में लोमरोर को सबसे पहले दिल्ली डेयरडेविल्स ने खरीदा था लेकिन वो डेब्यू नहीं कर सके. इसके बाद यह खिलाड़ी राजस्थान रॉयल्स से जुड़ गया. लोमरोने 8 आईपीएल मैचों में करीब 137 की स्ट्राइक रेट से 130 रन बनाए हैं. (फोटो साभार-mahipal_lomror)
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