भारत ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (Border Gavaskar Trophy) टेस्ट सीरीज के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया को करारी शिकस्त दी. नागपुर में खेले गए पहले टेस्ट मैच के हीरो रहे टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja), जो 6 महीने बाद टीम में वापसी कर रहे हैं. आइए जानते हैं जडेजा ने अपने करियर में कितने उतार चढ़ाव का सामना किया है. दूसरा टेस्ट दिल्ली में खेला जाएगा.
रवींद्र जडेजा का जन्म 1988 को गुजरात के एक छोटे शहर में हुआ था. जडेजा के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. जिसके कारण उन्हें फैमिली से शुरू में क्रिकेट को लेकर सपोर्ट नहीं मिला. लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ चुके थे और आगेे बढते रहे. (AFP)
रवींद्र जडेजा घर से छुपकर क्रिकेट खेलने भाग जाते थे. लेकिन कई बार उन्हें बल्लेबाजी नहीं दी जाती थी. 10 साल की उम्र में जडेजा के पिता ने उन्हें अपने दोस्त महेंद्र सिंह चौहान की क्रिकेट अकादमी में दाखिला दिला दिया. वह काफी सख्त थे, उन्होंने जडेजा की फील्डिंग पर फोकस किया. (AFP)
स्टार ऑलराउंडर ने बतौर तेज गेंदबाज शुरुआत की थी. लेकिन लंबाई कम होने के कारण कोच ने उन्हें स्पिनर बनने की सलाह दी. एक दौर ऐसा आया जब कोच ने बीच मैच में जडेजा के थप्पड़ लगा दिए थे. जिसकी वजह थी उनका अधिक रन लुटाना. लेकिन बाद में उसी मैच में जडेजा ने पांच विकेट अपने नाम किए. (AFP)
साल 2005 में जडेजा को इंडिया अंडर-19 टीम में सेलेक्शन हो गया था. जिसके बाद वह खुश थे, लेकिन एक साल बाद ही उनकी मां एक किचन एक्सीडेंट में गुजर गईं थी. जडेजा को इस एक्सीडेंट से गहरा सदमा लगा था. मां के गुजरने के 6 दिन बाद ही जडेजा को अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए चुना गया. (Screen Grab)
फरवरी 2006 में जडेजा ने फर्स्ट क्लास डेब्यू किया और अपने हरफनमौला खेल से सभी का ध्यान खींचा. उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा टी20 से लेकर रणजी ट्रॉफी तक जडेजा ने कमाल का प्रदर्शन किया. 18 जनवरी 2009 में टीम इंडिया में जगह बनाने वाले जडेजा अब नंबर वन टीम ऑस्ट्रेलिया की नींदे उड़ा रहे हैं. (AP)
टीम इंडिया के लिए जडेजा ने कई बड़े मुकाबलों में अपनी अहम भूमिका निभाई है. लेकिन पिछले साल वह घुटने की चोट का शिकार हुए थे. जिसके बाद उन्होंने 6 महीने बाद टीम इंडिया में वापसी की है. उन्होंने वापसी के बाद अपने पहले ही मैच में ऑस्ट्रेलिया की चिंता को बढ़ा दिया है. (BCCI Twitter)
नागपुर टेस्ट की पहली पारी में जडेजा ने पांच बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया. बात यहीं खत्म नहीं हुई, बारी आई बल्लेबाजी की तो उन्होंने वो कर दिखाया जो पुजारा और कोहली जैसे बल्लेबाज नहीं कर सके. जडेजा ने इस मैच में 70 रन की पारी खेली. (BCCI)
उसके बाद दूसरी पारी में जडेजा ने अश्विन के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलिया को कहर बरपाया. दूसरी पारी में उन्होंने 2 विकेट अपने नाम किए. वहीं, अश्विन ने पहली पारी में 3 जबकि दूसरी पारी में 5 विकेट अपने नाम किए. जडेजा को हरफनमौला प्रदर्शन के बाद प्लेयर ऑफ द मैच से भी नवाजा गया. यह तीसरी बार था जब उन्होंने बॉर्डर गावस्कर सीरीज में प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब अपने नाम किया है.(AP)