चोटें क्रिकेट जैसे खेल का हिस्सा हैं. हम अक्सर बल्लेबाजों को शरीर के विभिन्न हिस्सों पर चोट लगने, हैमस्ट्रिंग, फ्रैक्चर और मांसपेशियों के फटने के बारे में जानते रहते हैं. क्रिकेट के खेल में इस तरह की चोटों से बिल्कुल भी बचा नहीं जा सकता है, लेकिन चोटों के बावजूद भी कई खिलाड़ी अपने देश और टीम के लिए बहादुरी दिखाते हैं और मैदान पर उतर जाते हैं. बांग्लादेश के खिलाफ कप्तान रोहित शर्मा ने भी ऐसा ही कुछ किया. लेकिन इस लिस्ट में रोहित शर्मा अकेले नहीं हैं और भी कई क्रिकेटर हैं, जिन्होंने चोट के बावजूद मैदान पर अपना साहसिक खेल दिखाया है. (PIC: AP, AFP)
रोहित शर्मा: बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में रोहित शर्मा फील्डिंग के दौरान अपने अंगूठे में चोट लगा बैठे. वह स्लिप में एक गेंद को लपक रहे थे और इस दौरान गेंद उनके बाएं हाथ के अंगूठे में लगी और खून बहने लगा. उन्हें अस्पताल ले जाया गया. उम्मीद थी कि रोहित शर्मा अब बल्लेबाजी करने के लिए नहीं उतरेंगे. वह ओपनिंग करने भी नहीं आए, लेकिन जब भारतीय टीम को उनकी जरूरत महसूस हुई, तब वह नंबर 9 पर बल्लेबाजी करने उतरे और 28 गेंदों में नाबाद 51 रन की विस्फोटक पारी खेली. हालांकि, उनकी यह पारी टीम को जीत नहीं दिला पाई. रोहित का अंगूठा डिस्लोकेट हो गया था और कोच राहुल द्रविड़ ने खुलासा किया कि वो इंजेक्शन लगाकर मैदान में उतरे थे. (PIC: AP)
अनिल कुंबले: वेस्टइंडीज के खिलाफ 2002 का एंटीगा टेस्ट पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले के देशप्रेम के लिए याद किया जाता है, जिन्होंने अपने घायल जबड़े पर पट्टी बांधकर गेंदबाजी की थी. उन्होंने पहली पारी में ब्रायन लारा को आउट किया और आउट करने के लिए लगातार 14 ओवर फेंके. इससे पहले टेस्ट मैच में कुंबले को मर्विन डिलियन की एक तेज बाउंसर लगी थी, जो उनके जबड़े पर लगी थी. खून बहने के बावजूद कुंबले ने प्रारंभिक उपचार के बाद 20 मिनट तक बल्लेबाजी की थी. टेस्ट मैच बराबरी पर छूटा, लेकिन अनिल कुंबले का चेहरे पर पट्टी बंधी हुई गेंदबाजी करने की तस्वीर आज भी भारतीय प्रशंसकों की याद में ताजा है. (PIC: AFP)
गैरी कर्स्टन: 2003 में लाहौर टेस्ट मैच में शोएब अख्तर की तेज गति के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए गैरी कर्स्टन को बाउंसर लग गया था. 53 रन पर बल्लेबाजी कर रहे कर्स्टन को तुरंत मैदान छोड़ना पड़ा और उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया. स्कैन से पता चला कि उनकी नाक टूट गई थी. हालांकि, दूसरी पारी में दक्षिण अफ्रीका के 146/4 पर परेशान होने की स्थिति में कर्स्टन बल्लेबाजी करने के लिए आए और आउट होने से पहले एक शानदार 46 रन बनाए. पाकिस्तान ने टेस्ट मैच जीता, लेकिन कर्स्टन की इस बहादुरी की हर किसी ने तारीफ की. (PIC: AFP)
युवराज सिंह: युवराज सिंह ने बल्लेबाजी करते हुए खून की उल्टी के बावजूद 2011 विश्व कप में भारत को एक गेम जीतने में मदद करने के लिए सभी परेशानियों को किनारे रख दिया था. विश्व कप के आखिरी लीग मैच के दौरान चेन्नई के गर्म और उमस भरे मौसम में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेल रहे थे. गंभीर 8वें ओवर में आउट हुए और भारत का स्कोर 51-2 था. अब जिम्मेदारी युवराज सिंह और विराट कोहली के कंधों पर थी. दोनों खिलाड़ियों ने भारत को चौथे विकेट के लिए 100 से अधिक रन की साझेदारी करने में मदद की. इसी पारी के दौरान युवराज सिंह का खून बहता देख क्रिकेट जगत सदमे में था, लेकिन क्या युवराज ने हार नहीं मानी थी. इस वक्त युवराज अपने फेफड़ों में बढ़ रहे कैंसर के ट्यूमर से लड़ रहे थे. (PIC: AFP)
महेंद्र सिंह धोनी: 2019 के वनडे वर्ल्ड कप के दौरान धोनी की उंगली में हेयरलाइन फ्रैक्चर हुआ था. बावजूद चोट के धोनी ने पूरा वर्ल्ड कप खेला था. इंग्लैंड के खिलाफ एक मैच के दौरान उनका अंगूठा चोटिल हो गया था और उसमें से खून निकल रहा था. मैदान पर अंगूठे से खून चूसकर थूकते हुए धोनी की तस्वीरें और वीडियो जमकर वायरल भी हुए थे. टीम इंडिया के वर्ल्ड कप से बाहर होने के बाद महेंद्र सिंह धोनी की ऐसी तस्वीर सामने आई थीं, जिसमें उनका नाखून खून जमने से काला पड़ चुका था. इस चोट के बावजूद भी धोनी ने दर्द में बल्लेबाजी की थी. (PIC: AP)
ग्रीम स्मिथ: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे सफल कप्तानों में से एक दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ एक और उदाहरण के साथ सामने आए, जहां एक क्रिकेटर ने अपनी चोट के बावजूद अपनी टीम के लिए खेला. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2009 के सिडनी टेस्ट मैच में मिचेल जॉनसन की एक तेज गेंद स्मिथ को लगी और उनका बायां हाथ टूट गया. वह 30 पर बल्लेबाजी कर रहे थे और उन्हें इलाज के लिए तुरंत अस्पताल ले जाना पड़ा. प्रोटियाज को 327 रन पर आउट कर दिया गया, क्योंकि स्मिथ बल्लेबाजी जारी नहीं रख सके. अपनी दूसरी पारी में 257 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 376 रनों का लक्ष्य दिया. मेहमान टीम के नौ विकेट गिर चुके थे और उसे 100 से ज्यादा रन बनाने थे। जबकि सभी को लगा कि मैच खत्म हो गया है, स्मिथ 10वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे और बल्लेबाजी की.
हनुमा विहारी: भारत के बल्लेबाज हनुमा विहारी, जो सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट में भारत के प्रसिद्ध ड्रॉ के लिए जिम्मेदार थे, ने खुलासा किया था कि मैच की चौथी पारी में बल्लेबाजी करते हुए हैमस्ट्रिंग की वजह से उनका बायां पैर पूरी तरह सुन्न हो गया था. भारत को जीत के लिए 407 रनों की आवश्यकता थी और स्कोर 250/4 था. विहारी बल्लेबाजी करने के लिए आए और आर अश्विन के साथ नाबाद 62 रनों की साझेदारी की, जिससे भारत ने मैच को ड्रॉ कराया. पेनकिलर और इंजेक्शन लेकर हनुमा ने ढाई घंटे की मैराथन पारी खेली थी. इस मैच में हैमस्ट्रिंग के बावजूद विहारी ने 161 गेंदें खेलीं. (PIC: AFP)
सचिन तेंदुलकर: सचिन तेंदुलर का करियर भी कई चोटों से भरा रहा है, लेकिन यह चोटें कभी भी सचिन के जुनून को कम नहीं कर पाईं. वर्ल्ड कप 2003 के दौरान सचिन तेंदुलकर गंभीर रूप से दस्त (डायरिया) से पीड़ित होने के बावजूद भी श्रीलंका के खिलाफ अगले मैच में मैदान में उतर गए थे. श्रीलंका के खिलाफ मैच के दौरान गंभीर रूप से दस्त से जूझ रहे थे और उससे निपटने के लिए उन्हें टिशू पेपर का इस्तेमाल करना पड़ा था. इस मैच में सचिन ने 97 रन बनाए थे. इस मैच को टीम इंडिया ने 183 रन से जीता था. (PIC: PTI)
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