भारत ने 71 साल बाद ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने का रिकॉर्ड कायम किया है और यह विराट कोहली के साथ-साथ टीम इंडिया के लिए मील का पत्थर है. आखिर जब भी ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज का जिक्र होगा तब विराट सेना को याद किया जाएगा. एकदम वैसे ही जैसे अजीत वाडेकर, मंसूर अली खान पटौदी, सौरव गांगुली आदि को देश विशेष में अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीत के लिए याद किया जाता है.
मंसूर अली खान पटौदी ने 1968 में भारत को न्यूजीलैंड की सरजमीं पर चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 3-1 से जीत दिलाई थी और वह भारत को विदेश में सीरीज दिलाने वाले पहले कप्तान बने थे.
अजीत वाडेकर ने भारत को 1971 में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में जीत दिलाने का काम किया था. जब भी इन दोनों देशों में भारत की पहली सीरीज जीत की बात आती है तो हर कोई वाडेकर को सलाम करता है, जबकि उन्हें इन दो देशों में मिली जीत ने महान बना दिया था.
सौरव गांगुली ने बांग्लादेश, जिंबाब्वे और पाकिस्तान में टीम को पहली टेस्ट सीरीज दिलाने का दम दिखाया था. 2004 में बांग्लादेश और पाकिस्तान तो 2005 में जिंबाब्वे में सीरीज अपने नाम की. पाकिस्तान में गांगुली के साथ द्रविड़ ने भी कप्तानी की थी. इस तीन मैचों की सीरीज को भारत ने 2-1 से जीता था. सौरव ने एक तो राहुल द्रविड़ दो मैच में कप्तान रहे थे.
टीम इंडिया ने 71 साल के दौरान करीब 13 कप्तानों के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया, लेकिन उसे जीत के पोडियम तक कोहली ने पहुंचाया है. वह ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में हराने वाले ना सिर्फ पहले भारतीय बल्कि पहले एशियाई कप्तान भी हैं. एशियाई टीमों ने ऑस्ट्रेलिया में 31 सीरीज खेली हैं, जिसमें से 24 हारी हैं, छह ड्रॉ रहीं और एक जीती है.
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