क्रिकेट से जुड़े अंधविश्वास बड़े-बड़े खिलाड़ियों में देखे गए हैं. भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी खिलाड़ियों के बीच भी यह देखा गया है कि वो कोई ना कोई अंधविश्वास पाले बैठे हैं. अगर फैन्स की बात की जाए तो वो टीम इंडिया को जीत दिलाने के लिए अलग-अलग तरह की चीजें करते रहते हैं.
नई दिल्ली. क्रिकेट के खेल में रोमांच इतना होता है कि फैन्स के साथ-साथ प्लेयर का परिवार भी इससे अछूता नहीं रहता. स्वयं क्रिकेट के भगवान के नाम से मशहूर सचिन तेंदुलकर भी इससे अलग नहीं हैं. अक्सर यह देखा गया है कि मास्टर ब्लास्टर आउट होने के बाद पवेलियन लौटने के बावजूद अपना हेलमेट और पैड तक नहीं उतराते थे. (AFP)
कुछ ऐसा ही हाल महेंद्र सिंह धोनी के परिवार का भी था. विश्व कप विजेता कप्तान के जीवन पर आधारित फिल्म एमएस धोनी अनटोल्ड स्टोरी में यह दिखाया गया है कि माही की मां उनकी पारी के दौरान मैच नहीं देखती थी. बेटे की बैटिंग के दौरान मां को घबराहट होने लगती थी. (AFP)
भारतीय टीम का एक खिलाड़ी ऐसा भी है जिनके परिवार के बेटे की बल्लेबाजी के दौरान मां खुद बैट उठाकर क्रिकेट खेलने लगती थी. सुनने में यह थोड़ा अजीब लगता है. मां का कहना है कि वो बेटे की बैटिंग के दौरान यह बर्दाश्त ही नहीं कर सकती कोई उन्हें डिस्टर्ब करे. मां खुद भी टीवी के सामने जाकर क्रिकेट नहीं देखती. (Yuvraj Singh/Instagram)
हम बात कर रहे हैं युवराज सिंह की मां शबनम सिंह की. युवी और उनकी मां के बीच बेहद मजबूत बोंडिंग है. कई मौकों पर युवी यह बता चुके हैं कि वो अपने पिता से प्यार नहीं करते. उन्हें केवल मां से ही प्यार मिला है. पिता अनुशासन के इतने पक्के थे जिसके चलते उन्हें पिता से नफरत होने लगी थी. (Yuvraj Singh/Instagram)
एक टीवी शो के दौरान युवराज सिंह और उनकी मां शबनम सिंह मौजूद थी. युवराज सिंह ने बताया जब मैच शुरू होता है तो मम्मी गुरुद्वारे में या घर पर किताब खोलकर बैठी होती हैं. वो पूजा पाठ में लग जाती है. अगर टीवी भी लगा हो तो भी वो टीवी नहीं देखती हैं. उन्हें इतनी ज्यादा घबराहट होती है. (Yuvraj Singh/Instagram)
इसपर मां शबनम सिंह ने कहा कि मुझे घबराहट होती है जब युवराज क्रिकेट खेलता है. उन्होंने बैट उठाने वाले प्रकरण पर कहा कि युवराज जब खेलता है तो मुझे पसंद नहीं की कोई मुझे डिस्टर्ब करे. ऐसे में जब मुझे कोई फोन करता था तब मैं उन्हें ये कहकर टालती थी कि मुझे कॉल मत करो, मैं मैच खेल रही हूं. (PTI)
मतबल साफ है कि शबनम सिंह खुद बल्ला नहीं उठाती थी लेकिन पूजा पाठ के दौरान आने वाले फोन को टालने के लिए केवल ऐसा कहती थी. युवराज सिंह ने भारत को साल 2007 और 2011 में विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाई. 2011 के विश्व कप में वो प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी बने थे. (Yuvraj Singh/ Instagram)
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