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नेशनल लेवल पर चेस छोड़कर क्रिकेट में आजमाए हाथ, खेतों में बनवाई पिच, बन गया दुनिया का 'खतरनाक' गेंदबाज

युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) आईपीएल में हैट्रिक ले चुके हैं. महज 10 साल की उम्र में युजी ने क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा था. शुरुआती दिनों में वो मीडियम फार्स्‍ट गेंदबाजी कराया करते थे. हालांकि क्रिकेट से ज्‍यादा उन्‍हें बचपन में चेस से प्‍यार था.

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नई दिल्‍ली. युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) की धारदार लेग स्पिन से हर कोई वाकिफ है. अपनी सटीक गेंदबाजी से वो बड़ी-बड़ी टीमों को धूल चटा चुके हैं. हर क्रिकेटर की तरह यूजी ने भी भारतीय टीम में जगह बनाने से पहले काफी संघर्ष किया. एक बार मौका मिला तो फिर उन्‍होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. (AP)

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बेहद कम लोग यह जानते हैं कि युजवेंद्र चहल एक चेस प्‍लेयर भी हैं. बचपन में वो राष्‍ट्रीय स्‍तर पर चेस भी खेल चुके हैं. हालांकि स्‍पॉन्‍सरशिप की कमी के चलते वो इस क्षेत्र में ज्‍यादा आगे नहीं जा पाए. इसके बाद उनका फोकस पूरी तरह से क्रिकेट पर रहा. चेस से उन्‍हें बल्‍लेबाजों के दिमाग से पढ़ने में काफी मदद भी की. (Yuzvendra Chahal/Instagram)

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क्रिक बज के शो में युजवेंद्र चहल ने बताया कि करियर के शुरुआती स्‍तर पर उनकी गेंद काफी अधिक स्पिन होती थी. अब गेंद पहले की तरह स्पिन नहीं करा पाते हैं. हालांकि पहले गेंदबाजी में निरंतरता की कमी थी. अब एक दम सटीक गेंदबाजी करने से वो बल्‍लेबाजों के लिए और भी घातक हो गए हैं. (AP)

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युजवेंद्र चहल और उनके बचपन के कोच रनबीर सिंह के बीच एक चीज कॉमन है. दोनों ने एक साथ ही डेब्‍यू किया था. युजवेंद्र चहल जब 10 साल के थे और उनके पिता ने जिंद में ही उन्‍हें क्रिकेट अकादमी में डाल दिया था. तब रनबीर सिंह ने भी कोच के तौर पर अपना डेब्‍यू किया था. (BCCI)

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रनबीर सिंह ने भारत सरकार से कोर्स पूरा कर क्रिकेट कोच के रूप में अपना डेब्‍यू किया था. युजवेंद्र चहल का इस खेल की दुनिया में यह पहला कदम था. दोनों की जोड़ी ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा. युजी ने पहले मीडियम फार्स्‍ट गेंदबाजी की. कद काठी से बेहद कमजोर होने के कारण उन्‍हें स्पिन कराने की सलाह दी गई. (Twitter/Yuzvendra Chahal)

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रनबीर सिंह के मुताबिक जिंद जैसे छोटे शहर में क्रिकेट की ज्‍यादा सुविधाएं नहीं थी. युजवेंद्र चहल की शानदार गेंदबाजी को देखते हुए उनके पिता केके चहल ने अपने खेतों में बेटे के लिए खास ट्रैक तैयार कर दिया. यह पिच युजवेंद्र चहल को गेंदबाजी की प्रैक्टिस कराने के लिए थी. (PTI)

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किस्‍मत तब चमकी जब युजवेंद्र चहल हरियाणा के लिए अंडर-14 टीम में चुने गए. यहां से पिता ने भी बेटे के उज्जवल भविष्‍य का सपना देखना शुरू कर दिया. कुछ सालों बाद ही युजवेंद्र चहल को पिता ने क्रिकेट की बेहतर ट्रेनिंग के लिए दिल्‍ली भेज दिया था. (Twitter/Yuzvendra Chahal)

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कोच ने बताया कि बाद में वो भी दिल्‍ली में कोचिंग कराते थे. युजवेंद्र चहल मेरे साथ दिल्‍ली आ गया और यहीं कोचिंग करने लगा. दिल्‍ली में रहते हुए युजी के करियर ने उड़ान भरी. फिर उन्‍होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. यहां से रणजी क्रिकेट और फिर आईपीएल में उनका डेब्‍यू हुआ. (Twitter/IPL)

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    नेशनल लेवल पर चेस छोड़कर क्रिकेट में आजमाए हाथ, खेतों में बनवाई पिच, बन गया दुनिया का 'खतरनाक' गेंदबाज

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