देश में अपराध को लेकर माफिया राज, डकैतों के गिरोह पर काफी चर्चा हो चुकी है। देश में आपराधिक मामलों में भले ही पुरुष अपराधियों का वर्चस्व रहा हो, पर महिला अपराधियों की संख्या भी कम नहीं है, जिनके नाम से लोगों में खौफ पैदा हो जाए। आईबीएनखबर.कॉम अपनी इस पेशकश में ऐसे ही दुर्दांत महिला अपराधियों के बारे में बता रहा है। जिनसे से कोई डकैतों की सरताज रह चुकी है, तो कईयों की संलिप्तता अंडरवर्ल्ड से रही
देश में आपराधिक मामलों में भले ही पुरुष अपराधियों का वर्चस्व रहा हो, पर महिला अपराधियों की संख्या भी कम नहीं है, जिनके नाम से लोगों में खौफ पैदा हो जाए। आईबीएनखबर.कॉम अपनी इस पेशकश में ऐसे ही दुर्दांत महिला अपराधियों के बारे में बता रहा है।
रेशमा मेमन और शबाना मेमन-द वूमेन बिहाइंड ब्लैक फ्राइडे: ब्लैक फ्राइडे नाम से मशहूर 1993 में मुंबई धमाकों के आरोपियों में मेमन परिवार का नाम आता है। रेशमा मेमन और शबाना मेमन अंडरवर्ल्ड के मजबूत खिलाड़ी टाइगर मेमन की पत्नी और साली हैं। 1993 के धमाकों में 257 लोग मारे गए, तो 713 लोग घायल हुए। दोनों ही भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बनी हुई हैं। माना जा रहा है कि दोनों पाकिस्तानी शहर कराची में रह रही हैं।
शोभा अय्यर-द मिस्टीरियट गैंग क्वीन: शोभा अय्यर प्रभावशाली ‘लेडी डॉन’ का नाम है। शोभा अय्यर ने दक्षिण भारत में खासकर तमिलनाडु के अपराध की दुनिया पर राज किया। उसकी मर्जी के बगैर कोई पत्ता नहीं हिलता था। शोभा अय्यर को राजनीतिक संरक्षण भी मिला हुआ था, तो उसका संबंध लिट्टे जैसे आतंकी संगठन से भी जुड़े रहे। वैसे, शोभा अय्यर को सामने से बहुत कम ही लोगों ने देखा है। यहां तक कि पुलिस के पास भी शोभा अय्यर का वास्तविक फोटो नहीं है। शोभा कितनी खतरनाक है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी है।
अर्चना बालमुकुंद शर्मा-द क्वीन ऑफ किडनैपिंग: मध्यप्रदेश के उज्जैन में जन्मी अर्चना बालमुकुंद शर्मा की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी सी है। हीरोइन बनने की तमन्ना लिए अर्चना ने अपराध की ओर रुख किया। बबलू श्रीवस्तव गैंग की ये लेडी डॉन दिल्ली में रहते हुए काम संभाला। अर्चमा को किडनैपिंग क्वीन कहा जाता है। माना जा रहा है कि वो मौजूदा समय में देश से बाहर रहकर काम संभाल रही है।
समायरा जुमानी-अबू सलेम की पूर्व पत्नी: गैंगस्टर अबू सलेम की पूर्व पत्नी समायरा जुमानी का नाम जबरन वसूली, बम विस्फोटों और धोखाधड़ी के मामले में आ चुका है। इंटरपोल ने जुमानी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। समायरा को बेहद खूंखार माना जाता है। कहा जाता है कि सलेम के सुरक्षा एजेंसियों के हाथ आने के पीछे समायरा का ही हाथ है। समायरा को आखिरी बार अमरीका में देखा गया था।
फूलन देवी-द ओरिजनल गैंगस्टर: फूलन देवी ने 18 साल की उम्र में बंदूक का सहारा लेकर चलना शुरू किया। उनके गाँव के एक विशेष वर्ग के लोगों ने उनका सामूहिक बलात्कार किया और उनको मरने के लिए छोड़ दिया। जिसके बाद फूलन ने जुर्म की दुनिया में आ गई और खतरनाक महिला डकैत बन गईं। उनके ऊपर 40 लोगों की हत्या, डकैती और अपहरण के मामले दर्ज थे। फूलन देवी ने समाजवादी पार्टी के सहयोग से चुनाव भी लड़ा और संसद में भी पहुंची। बाद में शेर सिंह राणा नाम के व्यक्ति ने देश की राजधानी में ही फूलन देवी को गोलियों से भून दिया।
सीमा परिहार-द न्यू-एज बैंडिड क्वीन: उत्तर प्रदेश के ओरैया की सीमा परिहार ने 13 वर्ष की आयु में ही बन्दूक उठा ली। निर्भय गूजर की पत्नी रह चुकी दस्यु सुंदरी सीमा परिहार पर करीब 70 हत्याओं और 200 लोगों के अपहरण का आरोप था। जिस समय इसने कानपुर पुलिस के सामने 2003 में आत्मसमर्पण किया, उस समय भी उस पर हत्या के 29 मुक़दमे चल रहे थे। मौजूदा समय में सीमा परिहार समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ी है। वो फिल्मों में भी नजर आ चुकी है, तो बिग बॉस में हिस्सा लेकर टीवी स्क्रीन पर भी छा चुकी हैं।
रुबिना सिराज सैयद-द हीरोइन: रुबिना सिराज सैयद छोटा शकील की प्रेमिका रही है। बेहद खूबसूरत रुबिना ने अपनी काया का माध्यम से असरदार लोगों तक पहुंच बनाई और छोटा शकील के गैंग को भी संभाला। ये छोटा शकील गैंग के लोगों को भोजन, हथियार और पैसे मुहैया कराती थी, जो जेल में बंद थे। मौजूदा समय में रुबिना सिराज के बारे में किसी को कोई खबर नहीं है। कहा जाता है कि वो शकील के साथ पाकिस्तान में छिपी है।
संतोकबेन जडेजा- गॉडमदर: संतोकबेन जडेजा ने अपने पति सरमन मुंजा जडेजा की हत्या का बदला लेने के लिए बंदूक उठाया। पर बाद में पूरे पोरबंदल में संगठिक गिरोह चलाया। संतोकबेन को पहली महली माफिया डॉन भी माना जाता था। पूरे इलाके में संतोकबेन की धाक गॉडमदर जैसी थी, जो कमजोरों की मदद करती थी। संतोकबेन पर 14 लोगों की हत्याओं का आरोप था। संतोकबेन पर 1999 में शबाना आजमी द्वारा अभिनीत गॉडमदर नाम की फिल्म बनी, जिसे नेशनल अवॉर्ड भी मिला। वे गुजरात राज्य विधानसभा के कुतिया निर्वाचन (पोरबंदर) क्षेत्र से वर्ष 1989 में चुनीं गईं। वे महेर समाज की पहली महिला विधायक (1989-1994) थीं। पर 2 बलात्कारियों को पनाह देने के बाद उनकी इमेज खराब हो गई। संतोकबेन की 31 मार्च 2011 को हृदयाघात की वजह से मौत हो गई।
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