आगरा. दिल्ली (Delhi) में किसान मार्च (Kisan March) में हिस्सा लेने जा रहीं सामाजिक कार्यकर्ता और नर्मदा बचाओ आंदोलन की अध्यक्ष मेधा पाटकर (Medha Patkar) का काफिला उत्तर प्रदेश के आगरा (Agra) में सैंया इलाके में रोक लिया गया है. उधर किसानों के दूसरे काफिले भी पुलिस ने रोक लिया है.
मेधा पाटकर के समर्थन में किसानों ने हाइवे पर ही धरना शुरू कर दिया है. इस दौरान मेधा पाटकर भी प्रदर्शन पर बैठ गईं, जिसके कारण राजमार्ग पर लंबा जाम लग गया.
इस धरना प्रदर्शन से हाइवे पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया है. देखते ही देखते आगरा-ग्वालियर हाइवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया है. धरने पर किसान संगठन से जुड़े कई लोग बैठे हैं. वो मेधा पाटकर को रोके जाने का विरोध कर रहे हैं.
धरने को संबोधित करते हुए मेधा पाटकर ने कहा कि देश के हालत ये है यूपी और राजस्थान की सरकारें एक दूसरे से बात नहीं कर सकतीं. केंद्र सरकार ने किसानों के हित के 44 कानून रद्द किए. ये किसानों, राज्यों, संगठनों से पूछ नहीं रहे हैं, अपनी मनमानी कर रहे हैं. यही चलता रहा तो न किसान बचेगा, न मजदूर बचेगा, न देश बचेगा. देश बचाओ, संविधान बचाओ.
मेधा पाटकर का कहना है कि आखिर उन्हें किस धारा में रोका गया है? उनका आंदोलन दिल्ली में होना है न कि आगरा में. हम तो सिर्फ उत्तर प्रदेश से क्रॉस हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि हजारों-लाखों किसान पंजाब-महाराष्ट्र से आंदोलन में भाग लेने के लिए जा चुके हैं. उन्हें तो कहीं नहीं रोका गया फिर हमें क्यों?
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