इसके अलावा आसपास के मठ मंदिरों को उनके अपने स्वरूप में रखे जाने की योजना है. श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की मानें तो राम जन्मभूमि के आसपास के मठ मंदिरों में कम से कम तोड़फोड़ की जाए, इसके अलावा यात्रियों को सीधे रास्ते से लामल्लम जाने में सुविधा हो, उनकी पार्किंग की व्यवस्था निकटतम हो और सबसे महत्वपूर्ण यात्रियों को दर्शन करने जाने आने के दौरान अपने सामान को सुरक्षित रखने और लेने के लिए असुविधा ना हो काम शुरू किया जाने वाला है.
भगवान राम लला के मंदिर निर्माण के साथ लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन अयोध्या पहुंचेंगे. इसको लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पूरी तरह से सतर्क है. ट्रस्ट का मानना है कि अयोध्या आनेवाले तीर्थयात्रियों को कम से कम असुविधा हो और उनको सहूलियत हो. इसको लेकर यात्री सुविधायुक्त श्रीराम जन्मभूमि पथ का निर्माण कराया जा रहा है.
इसकी चौड़ाई लगभग 100 मीटर है. श्रद्धालु जिस रास्ते से राम जन्मभूमि परिसर में प्रवेश करेंगे उसी रास्ते से वापस आएंगे. श्रद्धालुओं को अपना सामान रखने के लिए सुव्यवस्थित व्यवस्था भी निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी. इसके अलावा ट्रस्ट की मंशा है कि श्रद्धालुओं को परिसर के आसपास ही पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था भी दी जाए, जिससे लोगों को असुविधा कम से कम हो और सीधे राम जन्मभूमि परिसर तक पहुंच सकें. इसके लिए उन्हें कम से कम पद यात्रा करनी पड़े.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि यात्री के सुविधाओं के लिए योजना बनाई गई है. इसमें वृद्धजन और दिव्यांग जनों के लिए इलेक्ट्रिक वाहन राम जन्मभूमि परिसर तक चलाई जाने की सहमति है. इलेक्ट्रिक वाहन चाहे प्रशासन चलवाए या फिर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, लेकिन हमें बैटरी रिक्शे का प्रबंध करना होगा.
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