बरेली. कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तबियत से उछालो तो यारो बरेली के तेज़ बहादुर ने इस कहावत को सही साबित किया है. तेज बहादुर ने अपनी पढ़ाई और ज्ञान की बदौलत ‘कौन बनेगा करोड़पति’ (KBC) में 50 लाख रुपये जीतकर अपनी किस्मत बदल ली है. बेहद गरीबी में संघर्षपूर्ण जीवन बिताने वाले तेज़ बहादुर पर आज सभी फक्र कर रहे हैं.
हौसला और मेहनत आदमी की तकदीर बदल देती है. कुछ ऐसा ही हुआ बरेली के बहेड़ी कस्बे के एक गांव में रहने वाले तेज बहादुर के साथ. बेहद गरीबी में रहने वाले तेज़ बहादुर ने कभी हौसला नही खोया और अपनी बद-किस्मती को हराकर सारे दुख दूर कर लिए. उन्होंने कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम में अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठ कर 50 लाख रुपये जीत लिए.
उनका ऐपिसोड तीन दिसंबर की रात को आया. लेकिन ये सफर इतना आसान नहीं था. बरेली से 50 किलोमीटर दूर बहेड़ी कस्बे के एक गांव के रहने वाले तेज़ बहादुर सिंह का परिवार बेहद साधारण है. पिता के पास थोड़ी सी खेती की जमीन है, जिससे बमुश्किल गुजरा चलता था. बेटे की पढ़ाई के खर्च के लिये वह एक स्कूल में प्राइवेट नौकरी भी करते थे. लेकिन लॉकडाउन में वो नौकरी भी छूट गई. साथ ही पिता बीमार पड़ गए. (तस्वीर- तेज के पिता)
अब पढ़ाई के साथ सारी जिम्मेदारी तेज़ बहादुर पर आ गई. उन्होंने खेती संभालने के साथ पढ़ाई भी जारी रखी. खेत में काम करने से शरीर में दर्द होता था तो सिविल इंजीनिरिंग की पढ़ाई करने के लिए पेन किलर खाकर दर्द को दबाया. पॉलिटेक्निक फीस जमा करने के लिए मां के जेवर तक गिरवी रखने पड़े. ( तस्वीर: तेज की मां)
केबीसी में 50 लाख रुपये जीतने के बाद तेज़ बहादुर सिंह अब सबसे पहले अपनी मां के गिरवी पड़े कुंडल छुड़वाएंगे और अपने टूटे हुऐ घर को सही कराएंगे. तेज बहादुर सिविल इंजीनियरिंग के डिप्लोमा के बाद आईएएस बनना चाहते हैं ताकि अपने गांव में एक स्कूल खुलवा सकें. वही उनका परिवार और मां का बेटे की जीत पर खुशी का ठिकाना नहीं है.
प्रतियोगिता में तेज बहादुर ने जिन लोगों का आभार व्यक्त किया, उनमें उनके पॉलिटेक्निक के प्रिंसिपल नरेंद्र कुमार भी थे. उनका कहना है कि ये हमेशा से ही एक शानदार छात्र रहे, जिन्होंने अपनी गरीबी को पढ़ाई के बीच नहीं आने दिया.
परिवार को भी अब उम्मीद हो गई है कि उनकी जिंदगी उनका बेटा संवार देगा. ये कहानी तेजबहादुर जैसे हजारों युवाओं के जीवट को दिखाती है, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से ना सिर्फ अपनी तकदीर बदली बल्कि देश की तस्वीरे भी बदलने को तैयार हैं.