Photos: पाकिस्तान की जेल से 13 साल बाद रिहा होकर भारत लौटा ललितपुर का सोनू

ललितपुर (Lalitpur) की मड़ावरा तहसील के ग्राम सतबांसा निवासी सोनू उर्फ सोहन सिंह 13 वर्ष पाकिस्तान (Pakistan) की जेल में काटने के बाद अपने वतन भारत लौट आया है. अभी वह अमृतसर के कम्युनिटी सेंटर में है. उसे ललितपुर लाने की तैयारी चल रही है.

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ललितपुर. उत्तर प्रदेश के ललितपुर (Lalitpur) में न केवल एक परिवार बल्कि पूरे गांव में खुशी का माहौल देखा जा रहा है. हम बात कर रहे हैं मड़ावरा तहसील के ग्राम सतबांसा निवासी सोनू उर्फ सोहन सिंह की. सोनू की जिंदगी के 13 वर्ष पाकिस्तान (Pakistan) की जेल में कटने के बाद अब अपने वतन (भारत) वापसी हुई है. अभी वह अमृतसर के कम्युनिटी सेंटर में है. उसे ललितपुर लाने की कार्यवाही जारी है.

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सोनू के भारत लौटने की सूचना पर उसके पिता और चाचा उदय सिंह अमृतसर पहुंच गए. वहां पिता को देखते ही सोनू उनसे लिपट गया और फफककर रो पड़ा. उधर गांव में सोनू के लौटने की खबर से एक बार फिर से दीपावली की तरह माहौल देखा जा रहा है.

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मड़ावरा तहसील के सतबांसा गांव निवासी रोशन सिंह लोधी के चार बेटे हैं, जिनमें सोनू सबसे छोटा बेटा है. सोनू सिंह छठी क्लास तक गांव में ही पढ़ा, इसके बाद वह अन्य परिजनों के साथ खेती करने लगा. लगभग 18-19 साल की उम्र में वह बाबा (साधु) बनने की कहकर घर से कहीं निकल गया और उसका दिमागी सन्तुलन भी ठीक नहीं था.

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पूरा परिवार उसकी तलाश में भटकता रहा, लेकिन उसका पता नहीं चला. इसी साल परिवार को सूचना मिली कि सोनू पाकिस्तान की जेल में बंद है. इसके बाद 26 अक्टूबर को अभिसूचना ब्यूरो ने थानाध्यक्ष मड़ावरा को सोनू के पाकिस्तान से रिहा होकर अमृतसर पहुंचने की जानकारी दी. अमृतसर पहुंचने पर सोनू को नारायणगढ़ के कम्युनिटी सेंटर में क्वारेंटाइन किया गया. इधर सोनू के मिलने से परिवार और गांव में खुशी की लहर दौड़ ग...

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सोनू के परिजनों ने बतया कि पाकिस्तान में तेरह साल के दरम्यान सोनू को कई अलग-अलग जेलों में रखा गया. वह भारत छोड़ने की उम्मीद छोड़ चुका था. लेकिन सजा पूरी होने के बाद उसे रिहा कर वापस भेज दिया गया. सोनू मानसिक रूप से खासा कमजोर हो चुका है. वह ये भी नहीं बता पा रहा है कि वो किस रास्ते से पाकिस्तान गया और कहां गिरफ्तार हुआ?

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बहरहाल सोनू के गांव आने की खबर से न केवल उसके परिवार बल्कि पूरे गांव में खुशी का माहौल देखा रहा है. परिजन व ग्रामीण जहां देश की मोदी सरकार की तारीफ कर रहे हैं, वहीं पाकिस्तान की फितरत की निंदा करने से भी नहीं चूक रहे हैं. पाकिस्तान की जेल में तेरह साल तक उसे तरह तरह की यातनाएं दी गई. शरीर पर पानी डाल-डालकर पीटा गया.

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पता चला है कि अमृतसर में जरूरी दस्तावेज न दिखा पाने की वजह से सोनू को पिता व चाचा की सुपुर्दगी में नहीं दिया गया है. पिता सोनू की पहचान के लिए वोटर और राशन कार्ड लेकर गए थे. राशन कार्ड में सोनू सिंह का नाम छठवें स्थान पर दर्ज है. रोशन सिंह ने गांव के प्रधान का पत्र भी नारायण गढ़ पुनर्वास केंद्र के अधिकारियों को सौंपा, जिसमें इस बात की तस्दीक थी कि सोनू सतबांसा गांव का निवासी है. जब केंद्...

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    ललितपुर. उत्तर प्रदेश के ललितपुर (Lalitpur) में न केवल एक परिवार बल्कि पूरे गांव में खुशी का माहौल देखा जा रहा है. हम बात कर रहे हैं मड़ावरा तहसील के ग्राम सतबांसा निवासी सोनू उर्फ सोहन सिंह की. सोनू की जिंदगी के 13 वर्ष पाकिस्तान (Pakistan) की जेल में कटने के बाद अब अपने वतन (भारत) वापसी हुई है. अभी वह अमृतसर के कम्युनिटी सेंटर में है. उसे ललितपुर लाने की कार्यवाही जारी है.

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