कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए अब और अधिक सख्ती बरती जाएगी. बड़ी आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाने की तैयारी है. पिछले साल घटित 5 बड़ी घटनाओं के आरोपियों पर रासुका तामील की जाएगी, जिनमें देश को हिलाकर रख देने वाला बिकरू कांड भी शामिल है.
साल 2020 में कोरोना की वजह से जहां जिंदगी ठहरी-ठहरी सी रही. वहीं कानपुर में 5 ऐसी वारदातें हुई, जिन्होंने पूरे देश प्रदेश में हड़कम्प मचा दिया. आईजी रेंज कानपुर ने इन वारदातों में शामिल दुर्दांत अपराधियों पर रासुका लगाने का आदेश दिया है. एक नज़र डालते हैं इन पांच वारदातों पर-
1- चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस की टीम पर दुर्दांत विकास दुबे ने साथियों संग हमला कर दिया. जिसमें सीओ सहित 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. बाद में विकास सहित 6 आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए. वहीं पुलिस ने 35 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
2- घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र के भदरस गांव में बच्चे की चाहत में मासूम बच्ची का बेरहमी से कत्ल करने के बाद उसका कलेजा खाने की घटना सामने आई थी. दंपति परशुराम और सुनैना ने भतीजों वीरन व अंकुल से 7 साल की मासूम बच्ची की हत्या करवाकर उसके अंग निकलवाए थे. जिसके बाद वह उसका उसका कलेजा खा गए थे.
3- बसपा नेता पिंटू सेंगर की 20 जून को दिनदहाड़े 18 गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी. इसमें मुख्य आरोपी पप्पू स्मार्ट, मनोज गुप्ता, वीरेंद्र पाल, सऊद अख्तर, महफूज अख्तर, फैसल, टाइसन समेत 14 आरोपी जेल में हैं, दो फरार हैं.
4-चकेरी थाना क्षेत्र के वाजिदपुर में भाई दूज के दिन हुई हिंसा में युवक दबंगों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी. जिसके बाद इलाके में साम्प्रदायिक तनाव फैल गया और कई जिलों की फोर्स बुलाकर स्थिति को नियंत्रित करना पड़ा. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा.
5- साढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में दंपति होरीलाल व शांति को पेट्रोल डालकर जिंदा फूंकने का प्रयास किया गया. जिन्हे गम्भीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान पति की मौत हो गयी. पुलिस ने आरोपी बाप बेटों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. आईजी रेंज ने इन मामलो में आरोपियों पर एनएसए की कार्रवाई के लिए डीआईजी को आदेश दिया है.
आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने कहा कि यह सभी ऐसी घटनाएं हैं, जिनसे व्यवस्थाएं बिगड़ीं. साथ ही लोगों में भय व्याप्त हुआ, जो एनएसए के लिए पर्याप्त आधार है. उन्होंने कहा कि एनएसए की कार्रवाई करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है. इसके बाद जवाब तलब किया जाएगा.
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