2017 में मथुरा, वृंदावन क्षेत्र को नगर निगम बनाया गया तो क्षेत्र के लोगों में उम्मीद जगी कि यहां अब कुछ बेहतर होगा, लेकिन अभी तक हालातों में कोई सुधार नहीं हुआ. जबकि शहर में जगह-जगह पड़े कूड़े के ढेर नगर निगम की उदासीनता को दर्शा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर यमुना शुद्धिकरण की दुहाई देने वाले जनप्रतिनिधि और सरकारी नुमाइंदे भी अपनी आंखें बंद किए हुए हैं.
मथुरा, वृंदावन नगर निगम के महापौर मुकेश आर्य से जब बात की तो उन्होंने बताया कि भारत के लोगों में शिक्षा की कमी है. लोग कहीं भी कुछ भी खाकर सड़क पर फेंक देते हैं. जहां पर डस्टबिन रखा होता है वहां तक कोई भी व्यक्ति जाना ही नहीं चाहता. महापौर से जब यह सवाल किया गया कि मथुरा ओडीएफ प्लस में शामिल होने के बावजूद भी लगातार गंदगी का अंबार यमुना किनारे देखने को मिलता है, तो उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है हम यमुना को साफ और स्वच्छ कर कर ही दम लेंगे.
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