वेस्ट यूपी के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मेरठ में भारत की पहली रीजनल मेट्रो ट्रेन सेवा काे हरी झंडी दे दी है. साथ ही इस प्रोजेक्ट के विस्तार को भी अब दिल्ली तक कर दिया गया है. यानी अब मेरठ और गाजियाबाद के लोग दिल्ली से आसानी से जुड़ सकेंगे. इस ईको फ्रेंडली प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे जाम से निजात मिलेगी. लोग आसानी से एक जगह से दूसरी जगह बिना समय खराब किए पहुंच सकेंगे. हाई स्पीड ट्रेन हाई-फ्रीक्वेंसी प्लेटफार्म पर दाैड़ेगी. इसके जरिए 82 किमी का सफर मात्र एक घंटे में तय कर लिया जाएगा.
यह 82.15 किमी लम्बा ट्रैक है. यह सेमी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर होगा जो दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ को जोड़ेगा. यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से ईको फ्रेंडली होगा और इसके तहत 82 किलोमीटर का सफर सिर्फ एक घंटे में पूरा किया जा सकेगा.
RRTS and local transit services से जुड़े 4 स्टेशन : मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम. एलिवेटेड रूट 68.03 km और अंडरग्राउंड रूट 14.12 km होगा. घनी आबादी वाले मेरठ और दिल्ली में रूट अंडरग्राउंड रहेगा. पूरे रूट को 180 km/h की मैक्सिमम स्पीड के अनुसार तैयार किया गया है. इसकी एवरेज स्पीड 100 km/h रहेगी.
दुहाई डिपो को मिलाकार मेरठ का साउथ सेक्शन जनवरी 2023 से शुरू होने की उम्मीद है. वहीं 16.60 km का हजरत निजामुद्दीन—साहिबाबाद जनवरी 2024 तक शुरू होगा. इसके बाद बचा हुआ 37.40 km का मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक का ट्रैक जुलाई 2024 तक पूरा हो जाएगा. इस प्रोजेक्ट में दस हजार से ज्यादा मजदूर काम कर रहे हैं. साथ ही 1100 से ज्यादा इंजीनियर्स जुड़े हुए हैं.
ओटीटी पर इस हफ्ते इन फिल्मों ने लूटी महफिल, सुपरहिट रही मनोज बजापेयी की मूवी, सान्या मल्होत्रा ने भी मारी बाजी
शुभमन गिल का जादू किस मैदान में होता फेल? नहीं निकला एक भी अर्धशतक, आंकड़े देख रह जाएंगे दंग
नकाब के समर्थन में उतरीं जायरा वसीम, कहा- 'हम आपके लिए ऐसा नहीं करते', 4 साल पहले छोड़ दी थी एक्टिंग