नोएडा में प्लास्टिक वेस्ट का प्रयोग सिर्फ गांधी जी चरखा बनाने में नहीं, बल्कि इससे बौद्ध स्तूप, बनारस के घाट, ताजमहल भी बनाया गया. जिसे एक्सप्रेस वे के साथ बने ग्रीन बेल्ट और ग्रीन लूप में रखे गए है. ये अब सेल्फी पॉइंट बन चुके हैं. लखनऊ, आगरा जाने वाले लोग एक्सप्रेस वे पर इनकी सुंदरता को देख सकते हैं.
कबाड़ से जुगाड़ की तर्ज पर ही नोएडा में बनाए जाने वाले 4डी जू पार्क में 500 टन कबाड़ का प्रयोग किया जाएगा. इस पार्क का नाम वेस्ट टू वंडर भी रखा गया है. यहां इससे कई तरह की कलाकृतियां बनाई जाएंगी. साथ यहां बनाए जाने वाले जंगली जानवरों में वेस्ट का प्रयोग होगा, हालांकि, ये तकनीकी में 4डी आपरेटड होंगे.
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