मेरठ से करीब पचास किलोमीटर दूर परीक्षितगढ़ क्षेत्र के सिकंदपुर गांव ने मिशन पानी को लेकर ऐसा काम किया है कि हर कोई इस गांव की तारीफ कर रहा है. न्यूज़ 18 की टीम ने भी इस गांव का दौरा किया. तो हर घर में ऐसा लगा जैसे हम वादियों में आ गए हैं.
गांव की महिलाएं बाहर से बहुत कम सब्जियां खरीदती हैं. क्योंकि सारी सब्जियां घर पर ही मौजूद हैं. बूंद-बूंद पानी बचाकर इन महिलाओं ने सारी सब्ज़ियां फल और फूल अपने घर के आंगन में ही उगा डाला है. गांव में सैकडों घर हैं और हर घर की तस्वीर हरियाली वाली तस्वीर.
गांव के हर घर में आपको गोभी, भिंडी, मिर्च, लौकी, बैंगन, पपीता, धनिया, कटहल आदि सब्जियां मिल जाएंगी और ताज्जुब की बात यह है कि ये सारी सब्जियां ग्रे वाटर से उगाई गईं है. इस गांव में आपको घर का पानी कहीं भी गली में इकट्टा नहीं मिलेगा. क्योंकि वेस्ट वाटर घर के बाहर जा ही नहीं पाता.
इस गांव में जो भी आता है वह गांव की ख़ूबसूरत तस्वीर को देखकर दंग रह जाता है. यहां तक कि मेरठ की सीडीओ ईशा दुहन भी जब इस गांव पहुंचीं तो पहली नजर में इस गांव ने उनका दिल जीत लिया. सीडीओ का कहना है कि ऐसा गांव यकीनन समूचे समाज के लिए एक उदाहरण पेश करता है.
इस गांव में नाली का भी वजूद न के बराबर है, क्योंकि घर के बाहर एक भी बूंद पानी नहीं जा पाता. गांव की महिलाओं ने घर में ही सब्जियां उगाकर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है. अगर आपको इस गांव में आना है तो बस इतना पूछ लीजिए कि साहब किचन गार्डन वाला गांव कहां पर है.
लोग भले ही इस गांव के नाम से वाकिफ न हों. लेकिन, अगर किचन गार्डन वाला गांव या फिर आंगन में सब्जियां उगाने वाले गांव किसी से भी पूछेंगे तो वो फौरन बता देगा. वाकई में ये गांव अनूठा है अनोखा है. बूंद-बूंद पानी बचाने वाला ये गांव वाकई में बेमिसाल है.