प्रियंका गांधी कल चार बजे के करीब जलमार्ग से भदोही जिले के सीतामढ़ी पहुंचेगीं. जहां वह पार्टी के कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों से मुलाकात करेंगी. उसके बाद वह सीता समाहित स्थल पर मां सीता के मंदिर में पूजा अर्चना करेंगी.
यह वह मंदिर है जहां मां सीता ने अपने दूसरे वनवास के समय यहीं धरती में समाहित हुईं थीं. रामचरित मानस के अनुसार माता सीता ने अपने दूसरे वनवास के दिन यहीं बाल्मीकि आश्रम में बिताये थे और यहीं उन्होंने लव और कुश को जन्म दिया था.
यही वह स्थल है जहां लव और कुश ने भगवान राम के अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े को पकड़ा था. जिसके बाद लव-कुश ने हनुमान को बंधक बनाया था.
उस स्थान पर आज हनुमान जी की 108 फिट की मूर्ति है. इसी पवित्र भूमि पर माता जानकी धरती में समाहित हुई थीं, उसी सस्थल पर अब माता सीता का भव्य मंदिर है.
इसी भूमि पर कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी कल पहुंचकर माता सीता के मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना करेंगी और यहीं के गेस्ट हॉउस में रात्रि विश्राम करेंगी.
19 तारीख की सुबह साढ़े दस बजे वह यहां से जलमार्ग से निकलेगी. प्रस्वावित प्रियंका गांधी की यात्रा के मद्देनजर कांग्रेस के कार्यकर्त्ता और पदाधिकारी तैयारियों में जुटे हैं.