सोनभद्र नरसंहार में घायलों से मिलने के लिए उत्तर प्रदेश पहुंची कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को आज सोनभद्र से 25 किलोमीटर पहले मिर्जापुर के नारायण पुलिस चौकी पर प्रशासन ने रोका दिया. इसके बाद प्रियंका गांधी वहां घरने पर बैठ गईं. प्रियंका गांधी के सोनभद्र पहुंचने से ठीक पहले वहां धारा 144 लगा दिया गया.
बता दें कि सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में बुधवार दोपहर 90 बीघा जमीन के विवाद में गुर्जर और गोंड विरादरी के बीच खूनी संघर्ष में 10 आदिवासियों की हत्या कर दी गई थी, जबकि 25 लोग घायल हैं. प्रियंका गांधी उन पीड़ित परिवारों से मिलने जा रही थीं.
इस पूरे मामले के पीछे बिहार कैडर के पूर्व आईएएस प्रभात कुमार मिश्रा का नाम सामने आ रहा है. आईएएस प्रभात कुमार मिश्रा ने यहां आदिवासियों के कब्जे की 600 बीघा जमीन को कोऑपरेटिव सोसाइटी के नाम करा लिया था.
इसके बाद सात सितंबर 1989 को आईएएस प्रभात कुमार मिश्रा ने अपनी पत्नी और बेटी के नाम जमीन करवा ली. दो साल पहले इसमें से 90 बीघा जमीन प्रधान यज्ञदत्त को बेच दी थी. इसी जमीन पर कब्जे के लिए ग्राम प्रधान करीब 200 हमलावरों के साथ पहुंचा था. जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो सैकड़ों राउंड फायरिंग कर लाशें बिछा दी गईं.
दरअसल, आदिवासी बहुल इस गांव में लोगों की जीविका का साधन सिर्फ खेती है. ये भूमिहीन आदिवासी सरकारी जमीन जोतकर अपना गुजर-बसर करते आए हैं. जिस जमीन के लिए यह संघर्ष हुआ उस पर इन आदिवासियों का 1947 के पहले से खेतीबारी करते आ रहे हैं. 1955 में बिहार के आईएएस प्रभात कुमार मिश्रा और तत्कालीन ग्राम प्रधान ने तहसीलदार के माध्यम से जमीन को आदर्श कोऑपरेटिव सोसाइटी के नाम कराया था. चूंकि उस वक्त तहसीलदार के पास नामांतरण का अधिकार नहीं था, लिहाजा नाम नहीं चढ़ सका.
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